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मध्य प्रदेश की छह बोलियों के साहित्यिक कृति पुरस्कार घोषित

मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद और संस्कृति विभाग ने 2020 वर्ष के छह बोलियों के साहित्यिक कृति पुरस्कारों का ऐलान किया। इन पुरस्कारों में हर बोली की साहित्यिक कृति के लिए 51 हजार रुपए का इनाम दिया जाता है।
मध्यप्रदेश की छः बोलियों के साहित्यिक कृति पुरस्कार वर्ष 2020 के पुरस्कारों की आज घोषणा कर दी गई है। ये पुरस्कार साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद्, मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा संयुक्त रूप से दिए जाते हैं। पुरस्कार मध्य प्रदेश की छह बोलियों (मालवी, निमाड़ी, बघेली, बुंदेली, भीली और गोंडी) के साहित्यिक कृतियों के लिए दिए जाते हैं। इन बोलियों की श्रेष्ठ कृतियों को 51,000 रुपए की राशि प्रदान की जाती है। ‘गोंडी’ रानी दुर्गावती स्मृति पुरस्कार हेतु कोई भी कृति प्रविष्टि के रूप में प्राप्त नहीं हुई।
इन्हें मिलेगा पुरस्कार
- ‘मालवी’ के लिए संत पीपा स्मृति पुरस्कार शिव चैरसिया-उज्जैन की कृति ‘असो मालवो हे म्हारो’
- ‘निमाड़ी’ के लिए संत सिंगा जी स्मृति पुरस्कार डाॅ. मीना साकल्ले-इंदौर की कृति ‘चंदन को झाड़’
- ‘बघेली’ के लिए श्री विश्वनाथ सिंह जूदेव स्मृति पुरस्कार रामसखा नामदेव-शहडोल की कृति ‘केसे कही?’
- ‘बुंदेली’ श्री छत्रासाल स्मृति पुरस्कार डाॅ. मीनू पाण्डेय ‘नयन’-भोपाल की कृति ‘बुंदेली बतरस’
- ‘भीली’ के लिए टंट्या भील स्मृति पुरस्कार डाॅ. गजेन्द्र आर्य-झाबुआ की कृति ‘टापरा टापरा’
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