मध्यप्रदेश निवेशकों की पहली पसंद बना: सुषमा स्वराज

मध्यप्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर में पांचवें ग्लोबल इनवेस्टर समिट में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेकैंया नायडू ने मध्यप्रदेश सरकार की तारीफ की। केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि मध्यप्रदेश निवेशकों की पहली पसंद बन चुका है। मप्र की छवि विकास प्रिय राज्य के रूप में बन चुकी है। ग्लोबल इनवेस्टर समिट में 2630 प्रस्तावों में 5 लाख 62 हजार 847 करोड़ रुपए के निवेश का वादे कंपनियों ने किए हैं।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2016 के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा है कि सतत प्रयासों के फलस्वरूप मध्यप्रदेश आज निवेश के लिये सबसे अधिक पसंदीदा राज्य बन गया है। स्वराज ने कहा कि प्रदेश की विकास दर लगातार 10 प्रतिशत से अधिक रही है। भारत को 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिये मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, क्लीन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्टेण्डअप इंडिया और स्मार्ट सिटी जैसे कार्यक्रम शुरू किये गये हैं। विश्व बैंक ने भारत को सबसे अधिक खुली अर्थ-व्यवस्था बताया है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत को वर्ष 2016-17 के लिये विश्व की सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थ-व्यवस्था बताया है। जीएसटी को 23 राज्य ने पारित किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद 55.5 मिलियन डॉलर का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आया है, जो पिछले वर्ष की तुलना मे 53 प्रतिशत अधिक है।
उन्होंने कहा कि 25 मिलियन अप्रवासी भारतीय भारत के विकास में योगदान दे रहे हैं। उन्हें संवाद का मंच उपलब्ध कराने के लिये प्रवासी भारतीय दिवस 7 जनवरी 2017 को बैंगलुरु में आयोजित किया जायेगा।
केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकैया नायडू ने मुख्यमंत्री चौहान को समर्पित, डायनामिक और अनुशासित मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ रहा है। श्री नायडू ने कहा कि मध्यप्रदेश के लिये इस्तेमाल होने वाला बीमारू शब्द अब अतीत की बात हो गई। पिछले दस साल में मध्यप्रदेश, मुख्यप्रदेश बन गया है। उन्होंने कहा कि 18 हजार 900 मेगावाट बिजली उपलब्ध होना एक रिकार्ड है। अब सभी क्षेत्रों के लिये बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित है। कृषि के क्षेत्र में मध्यप्रदेश सबसे आगे है। नायडू ने कहा कि मध्यप्रदेश निवेशक के लिये अब आदर्श स्थल बन गया है। उन्होंने कहा कि शहरी अधोसंरचना अभूतपूर्व रूप से मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की शहरी क्षेत्र की योजनाओं में बाटम अप सोच रखी गई है। इसके कारण 50 प्रतिशत राशि राज्यों को मिल रही है। निवेशकों को राज्य सरकार के अलावा केन्द्र सरकार से भी भरपूर सहयोग मिलेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी निवेशकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि निवेशक मध्यप्रदेश के विकास में सम्माननीय भागीदार हैं। इस समिट में 30 प्रस्ताव ऑनलाइन मिले और उन्हें जल्दी ही जमीन मिल जायेगी। उन्होंने बताया कि 2630 निवेशकों ने पाँच लाख 62 हजार 847 करोड रूपये मूल्य के प्रस्ताव दिये हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि समिट में 42 देश के लगभग 4 हजार निवेशक ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि अगली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट इंदौर में 16 और 17 फरवरी 2019 को होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने 20 हजार करोड रूपये के निवेश के एमओयू किये हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की पहचान केवल भोपाल गैस त्रासदी से होती थी अब बेहतर निवेश परिवेश के लिये होती है।

केन्द्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गेहलोत ने कहा कि मध्यप्रदेश ने तेज गति से विकास किया है। मध्यप्रदेश में निवेश के लिये बेहतर वातावरण उपलब्ध है। निवेशक निर्यात बढ़ाने के लिये उत्पादक उद्योगों में निवेश करें। केन्द्रीय पेट्रोलियम राज्य मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि मध्यप्रदेश में पिछले दस वर्षों में अभूतपूर्व विकास हुआ है। प्रदेश में 20 प्रतिशत से अधिक की कृषि विकास दर का प्रभाव अर्थ-व्यवस्था पर भी हुआ है। ग्रामीणों की क्रय शक्ति बढ़ी है, जिसका प्रमाण पेट्रोलियम उत्पादों की खपत बढ़ना है। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने से पेट्रोलियम उत्पादों पर करों से होने वाली आय में राज्यों को कोई नुकसान नहीं होगा। विश्व में हर वर्ष पेट्रोल की खपत दस प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। प्रदेश में पिछले दो वर्ष में 30 लाख घरेलू एलपीजी कनेक्शन बढ़े हैं। अगले दो वर्ष में 50 लाख घरेलू एलपीजी कनेक्शन बढ़ेंगे। बीना में 500 करोड़ रूपये के निवेश से ग्रीन रिफायनरी स्थापित की जायेगी।
केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री अनिल माधव दवे ने कहा कि जंगल को भी उद्योग की नजरिये से देखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की वन संपदा अद्भुत और विशाल है। यहाँ घास और बाँस ऐसी उपज है जिनका औद्योगिक मूल्य है। उन्होंने कहा कि उद्योग को अनुसंधान पर भी ध्यान देना चाहिये ताकि देशज परिस्थितियों के हिसाब से पेटेंट उपलब्ध हो सके। दवे ने कहा कि वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय उद्योगों को 120 दिन में स्वीकृति दे रहा है।

 

स्पेशल इकोनामिक जोन (सेज) के विकास आयुक्त श्री जे.एम. गुप्ता ने बताया कि निर्यातबंधु कार्यक्रम में पिछले दो साल में 46,000 कॉलेज छात्रों और निर्यात का व्यवसाय शुरू करने वाले लोगों को लाभान्वित किया गया है। भारत के कुल निर्यात का 28 प्रतिशत सेज से होता है। केन्द्र शासन द्वारा मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा के लिए भी स्पेशल इकानाँमिक जोन स्वीकृत किया गया है। कार्यकारी संचालक एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया श्री एम. सोन्तिलनाथन ने रिस्क कवर, देश की रिस्क रेटिंग मेथेडोलॉजी, बॉयर अन्डरराइटिंग स्कोर कार्ड आदि के बारे में बताया। भारतीय आयात-निर्यात बैंक- एक्जिम के उप प्रबंध निदेशक श्री डेविड रस्किन्हा ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में बैंकों की भूमिका, मूलभूत पहल और विकास, एक्सिस बैंक द्वारा मध्यप्रदेश के निर्यात को सहायता आदि के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। अपर आयुक्त कस्टम, इंदौर ए.के. सक्सेना ने कहा कि ईज ऑफ डुइंग बिजनेस से उद्यमियों के लिए जटिलताओं को समाप्त कर सुविधाओं का विस्तार किया गया है। कार्यक्रम में प्रदेश के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश औद्योगिक निवेश के बेहतर डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है।

उपलब्ध बेहतर अवसरों का लाभ उठायें
छिंदवाड़ा प्लस एसईजेड के डायरेक्टर कमल कुमार अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में 30 हजार करोड; रूपये का निवेश करेंगे। जिसमें एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। महिन्द्रा लाईफ स्पेस की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री संगीता प्रसाद ने कहा कि उनकी कम्पनी मध्यप्रदेश में पीपीपी मॉडल पर इकॉनामिक सिटी विकसित करेगी। इसी तरह की परियोजना उनके द्वारा जयपुर और चैन्नई में क्रियान्वित की जा रही है। सीआईआई के महानिदेशक श्री चंद्रजीत बैनर्जी ने कहा कि नेशनल काउंसिल ऑफ स्किल डेवलपमेंट बनाई जायेगी। एवगॉल इंडिया की निदेशक सुश्री तामी हिरसजोर्न ने कहा कि हाईजेनिक सॉल्यूशन प्रोडक्ट मैन्यूफेक्चरिंग के लिये कम्पनी मध्यप्रदेश में निवेश करेगी। एमपी बिरला समूह के हर्ष लोढ़ा ने कहा कि मध्यप्रदेश में उद्योगों के लिये सकारात्मक वातावरण है। दैनिक भास्कर समूह के रमेशचंद्र अग्रवाल ने कहा कि निवेशक मध्यप्रदेश में निवेश के लिये उपलब्ध बेहतर अवसरों का लाभ उठायें।

  • मुख्यमंत्री की घोषणाएँ
    निवेशकों की औद्योगिक परियोजना का प्रस्ताव प्राप्त होते ही उसके क्रियान्वयन से उसके पूर्ण होने तक तथा इकाई को स्वीकृति सहित समस्त सुविधाओं के वितरण तक की मानीटरिंग के लिये ‘इनवेस्ट’ नाम से पोर्टल तैयार किया जायेगा। इस पोर्टल के माध्यम से सुविधाओं की समीक्षा की जाकर निर्धारित समय-सीमा में अनुमतियाँ, सुविधाएँ उपलब्ध करवायी जायेंगी।
  • निवेशकों को लगने वाली सभी अनुमतियों को लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के दायरे में शामिल किया जायेगा। इससे उन्हें निर्धारित समय पर अनुमतियाँ मिल सके।
  • 50 करोड़ के निवेश प्रस्ताव के लिये एक रिलेशनशिप मैनेजर नियुक्त किया जायेगा। यह मैनेजर निवेशक के सम्पर्क में रहकर क्रियान्वयन में सहयोग करेगा।
  • रेडीमेड गारमेंट उद्योग को बढ़ावा देने के लिये एक नई आकर्षक नीति तैयार की जायेगी।
  • आईटी एवं नॉन पाल्यूटिंग इंडस्ट्रीज एवं पीएसपी निवेशकों को शहरों के प्लानिंग एरिया में कृषि भूमि के लिये डायवर्जन के नियमों को सरल किया जाकर समय-सीमा में अनुमति दी जायेगी।
  • पोल्युशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा दी जाने वाली अनुमतियों की प्रक्रिया को सरल किया जायेगा तथा नॉन पाल्यूटिंग इंडस्ट्रीज के लिये ह्वाइट लिस्ट को बढ़ाया जायेगा।
  • मनोरंजक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये छोटे शहरों में मल्टीप्लेक्स बनाये जाने की नीति को आकर्षक बनाया जायेगा। न्यूनतम सीटों की संख्या 500 से घटाकर 200 की जायेगी।
  • जीएसटी लागू होने के बाद भी जो सुविधाएँ निवेशकों को मिल रही हैं, वे मिलती रहेंगी।
  • इंदौर एयरपोर्ट से पीथमपुर की मेन कनेक्टिविटी को और अधिक सुदृढ़ किया जायेगा। इसके लिये 50 करोड़ की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है। इंदौर एवं भोपाल एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने के लिये भारत सरकार से अनुरोध किया जायेगा।
  • रोजगार कार्यालयों को पीपीपी के माध्यम से प्लेसमेंट सेंटर के रूप में विकसित किया जायेगा।
  • शहरी विकास को गति देने के लिये वर्टिकल डेह्वलपमेंट की अवधारणा को शामिल करने के लिये टीडीआर एवं टीओडी की सुविधा देने के लिये नियमों में शीघ्र संशोधन किया जायेगा।
  • व्यापारी एवं उद्योगपति को ससम्मान अपना व्यवसाय करने की सुविधा देने के लिये कानून में जो प्रावधान आवश्यक होंगे चाहे वह राज्य स्तर पर हों या केन्द्र स्तर उनमें संशोधन के लिये विशेषज्ञों की राय ली जाकर कार्रवाई की जायेगी।
  • मास्टर प्लान एरिया में सुनियोजित विकास को बढ़ावा देने के लिये नगर विकास योजना का क्रियान्वयन निजी पूँजी निवेशकों के माध्यम से कराया जा सकेगा।
  • प्रदेश की भरपूर खनिज सम्पदा का विस्तृत सर्वेक्षण करने के लिए एक समयबद्ध कार्यक्रम तैयार किया जायेगा।
    छिन्दवाड़ा में भी होगा सेज

 

निवेश प्रस्ताव
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2016 में प्रदेश में निवेश के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 2,630 निवेश आशय प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन प्रस्तावों में 5,62,847 करोड़ रुपये का पूँजी निवेश प्रस्तावित है। इनमें से कुछ प्रमुख प्रस्ताव इस प्रकार हैं:-

1. आदित्य बिड़ला समूह द्वारा विभिन्न क्षेत्र में 20,000 करोड़ रुपये का पूँजी निवेश।

2. सिनटेक्स लिमिटेड द्वारा 2,000 करोड़ रुपये।

3. प्राक्टर एण्ड गेम्बिल द्वारा 1,100 करोड़ रुपये।

4. मायलान लेव द्वारा 700 करोड़ रुपये।

5. मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम, भारत सरकार के उपक्रमों द्वारा 2700 मेगावॉट क्षमता सौर ऊर्जा की संयंत्रों की स्थापना पर 20700 करोड़, जिसमें इण्डियन ऑयल कॉर्पोरेशन के 4,760 करोड़ रुपये के निवेश आशय प्रस्ताव सम्मिलित है।

6. ल्यूपिन इण्डिया लिमिटेड द्वारा 380 करोड़।

7. एस्सार समूह द्वारा 4,500 करोड़ रुपये।

8. हेटिच द्वारा 400 करोड़ रुपये,

9. आईटीसी लिमिटेड 600 करोड़।

10. मयूर यूनिकोटर्स 200 करोड़।

11. अजंता फार्मा 400 करोड़।

12. वर्धमान 780 करोड़।

13. सागर मैन्युफेक्चरिंग 965 करोड़।

14. रूसान फार्मा 700 करोड़।

15. छिन्दवाड़ा प्लस एसईजेड विकास के लिये 2500 करोड़।

16. एवगॉल लिमिटेड 230 करोड़।

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