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BHOPAL के दो सरकारी कॉलेजों के प्राचार्य पद पर काबिज शिक्षक पर दाग, कमिश्नर ने INQUIRY बैठाई
एक नहीं दो सरकारी कॉलेज के प्राचार्य की जिम्मेदारी संभाल रहे डॉ. मुकेश दीक्षित पर लगे दागों की जांच अब कमिश्नर ने शुरू करा दी है। महारानी लक्ष्मीबाई शासकीय कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य पद बिना आदेश के बैठने वाले दीक्षित पर न केवल अनियमितताआों के आरोप हैं बल्कि उनके खिलाफ महिलाओं के साथ अभद्र टिप्पणियां करने के भी आरोप है। कमिश्नर ने एक सप्ताह में जांच पूरी करने के आदेश दिए हैं। पढ़िये क्या हैं आरोप।
डॉ. मुकेश दीक्षित भोपाल के शासकीय नवीन महाविद्यालय के प्राचार्य थे लेकिन एमएलबी कॉलेज के प्राचार्य के रिटायरमेंट के बाद उन्होंने बिना आदेश के ही प्रभार ले लिया था। हालांकि इसके बाद उनके आदेश जारी हो गए। मगर एमएलबी कॉलेज की पूर्व की पोस्टिंग के दौरान उनका विवादपूर्ण कार्यकाल रहा था और कई आरोप लगे थे। इस बार भी वे यहां आरोपों से नहीं बच सके और इस बार कमिश्नर ने उनके खिलाफ क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक को उनके खिलाफ आरोपों की जांच प्राचार्य और वरिष्ठ प्राध्यापकों की समिति से कराने के आदेश दिए हैं। समिति से एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट चाही गई है।
यह हैं दीक्षित पर आरोप
- 2013 में एमएलबी की चित्रकला विभाग की प्राध्यापक के साथ छेड़छाड़ की गई जिसकी शिकायत की गई थी। मगर प्राध्यापक ने व्यथित होकर सेवानिवृत्ति ले ली थी।
- मार्च 2020 में राष्ट्रीय संगोष्ठी के नाम पर प्रतिभागियों से 1000-1000 रुपए वसूल किए गए थे जो करीब सात लाख थे। कुछ राशि नकद भी ली गई थी। मगर राष्ट्रीय संगोष्ठी हुई नहीं और न ही प्रतिभागियों को राशि वापस की गई।
- एमएलबी कॉलेज में प्रभारी प्राचार्य के रूप में पदस्थापना के दौरान लाखों का सामान बिना टेंडर के बेच दिया गया। इसमें पुराने कंप्यूटर, डेस्क टॉप, लोहे की जालियां, दरवाजे आदि शामिल था।
- किसी भी प्रकार की नियुक्ति पर प्रतिबंध के बावजूद नवंबर 2022 में शासकीय नवीन महाविद्यालय भोपाल में उच्च कुशल मजदूर के रूप में सुनील कुमार मालवी को रखा गया जिसकी उपस्थिति पुस्तकालय में दिखाई जाती थी।
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