भारतीय विज्ञान बीते एक वर्ष की उपलब्धियां

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज संसद के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 प्रस्‍तुत किया। सर्वेक्षण के मुताबिक, भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बीते एक वर्ष के दौरान किए गए कार्य इस प्रकार हैं: प्रकाशन भारत में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में प्रकाशनों और पेटेंट पर गौर करने से भारतीय अनुसंधान की उत्पादकता एवं गुणवत्ता का आकलन करने में मदद मिल सकती है। वर्ष 2013 में वैज्ञानिक प्रकाशन के मामले में भारत विश्व में छठे स्थान पर था। इस रैंकिंग में लगातार सुधार हो रहा है। 2009-14 के बीच वार्षिक प्रकाशन की वृद्धि दर लगभग 14 प्रतिशत रही थी। एससीओपीयूएस डाटाबेस के अनुसार, इससे 2009 से 2014 के बीच वैश्विक प्रकाशनों में भारत की हिस्सेदारी 3.1 प्रतिशत से बढ़कर 4.4 प्रतिशत हो गई। मोटे तौर पर प्रकाशन के रुझान से स्पष्ट होता है कि प्रकाशनों की संख्या के मामले में भारत के प्रदर्शन का स्तर क्रमिक रूप से सुधर रहा है। प्रकाशन में सुधार के अलावा गुणवत्ता में सुधार का रुझान भी देखने को मिल रहा है। पेटेंट यदि पत्रिका प्रकाशन से विज्ञान में किसी देश का कौशल प्रदर्शित होता है तो पेटेंट, प्रौद्योगिकी में उसकी स्थिति को दर्शाते हैं। डब्ल्यूआईपीओ के मुताबिक, भारत विश्व में 7वां बड़ा पेटेंट फाइलिंग ऑफिस है। 2015 में चीन (1,101,864), यूएसए (589,410), जापान (318,721), कोरिया गणराज्य (213,694) और जर्मनी (91,726) की तुलना में भारत में 45,658 पेटेंट पंजीकृत हुए। हालांकि भारत प्रति व्यक्ति पेटेंट के मामले में काफी पीछे हैं। भारत की घरेलू पेटेंट प्रणाली एक बड़ी चुनौती रही है। भले ही दूसरे देशों में भारत के पेटेंट आवेदन और स्वीकृतियों की संख्या तेजी से बढ़ी है, लेकिन देश में यह स्थिति नहीं है। भारत के 2005 में अंतरराष्ट्रीय पेटेंट व्यवस्था से जुड़ने के बाद क्षेत्रीय आवेदनों की संख्या तेजी से बढ़ी है। हालांकि 2008 के बाद स्वीकृत पेटेंट की संख्या तेजी से घटी है और इनका स्तर कम बना हुआ है। जहां 2015 में विदेशी कार्यालयों में भारतीय नागरिकों के 5000 पेटेंट को स्वीकृति मिली, वहीं भारत में फाइल करने वाले नागरिकों की संख्या 800 से कुछ ज्यादा रही। सरकार ने हाल में 450 अतिरिक्त पेटेंट परीक्षकों की नियुक्तियां कीं और 2017 में भारतीय नागरिकों के लिए एक त्वरित फाइलिंग व्यवस्था का निर्माण किया। पेटेंट फाइलिंग से जुड़ी समस्याओं के समाधान निकाले गए हैं। नवाचार को पुरस्कृत करने वाली प्रभावी पेटेंट व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिहाज से पेटेंट से जुड़ी मुकदमेबाजी का हल निकालना काफी अहम होगा।

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