मध्य प्रदेश में भाजपा को 79 प्रत्याशियों के ऐलान का विरोध झेलना पड़ रहा है। विधायक केदार शुक्ला जैसे वरिष्ठ विधायकों के विरोध के बाद अब इंदौर में आम कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए। मंत्री तुलसीराम सिलावट को इस विरोध की वजह से लौटने को मजबूर होना पड़ा। पढ़िये रिपोर्ट।
भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव में अपने 79 प्रत्याशियों का ऐलान करके भले ही कांग्रेस से बाजी मार ली है लेकिन उसका यह फैसला मैदान में उनके नेता-कार्यकर्ता स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। सीधी में विधायक केदार शुक्ला का पार्टी ने टिकट काट दिया है तो वे खुलकर विरोध में आ गए। उन्होंने पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी सांसद रीती पाठक के रिकॉर्ड मतों से हारने का बयान दे दिया। वहीं, देपालपुर से निर्भय पटेल के पुत्र मनोज पटेल को टिकट देकर दूसरे गुट राजेंद्र चौधरी के समर्थक आज सड़क पर उतर आए। मंत्री तुलसीराम सिलावट का कार्यक्रम था लेकिन इन कार्यकर्ताओं ने भाजपा के झंडे और राजेंद्र चौधरी के समर्थन में बैनर लेकर प्रदर्शन किया तो सिलावट को वहां से निराश चेहरा बनाकर लौटना पड़ा। ये लोग राजेंद्र चौधरी को टिकट नहीं दिए जाने पर भाजपा को वोट नहीं के नारे लगा रहे थे।
कुछ अधिकृत प्रत्याशी भी टिकट से दुखी
पार्टी की 79 प्रत्याशियों की सूची में शामिल कुछ नेताओं के बयान और चेहरों से अंदाज लगाया जा सकता है कि वे कितने खुश हैं। नरेंद्र सिंह तोमर हों या कैलाश विजयवर्गीय हों या फग्गनसिंह कुलस्ते या आलोक शर्मा, ये नाम वे हैं जिनके बयानों व हाव-भाव बता रहे हैं कि वे या तो टिकट चाह ही नहीं रहे थे या फिर जहां उतारा गया, वहां से नहीं चाह रहे थे। ऐसे में पार्टी का पहले प्रत्याशी घोषित करने का दांव उलटा पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
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