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बॉस इज ऑलवेज राइट….डीजी लोकायुक्त पुलिस में तबादले पर सटीक

मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना में महानिदेशक के पद पर राज्य सरकार सहमति से ही पदस्थापना करती है, यह परंपरा है और लोकायुक्त के सम्मान में इसे सरकार अपनाती रही है। मगर लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना में छह महीने पहले इसी प्रक्रिया को अपनाते हुए पदस्थ किए गए 1988 बैच के कैलाश मकवाना के आज किए गए तबादले से लोकायुक्त संगठन परिसर की दो बिल्डिंग के बीच की दूरी उनके संबंधों के रूप में भी झलकी है। राज्य शासन ने लोकायुक्त पुलिस के DG और ADG सहित चार आईपीएस के तबादला आदेश जारी किए हैं जिनसे यह चर्चा जोरों पर है कि लोकायुक्त संगठन और विशेष पुलिस स्थापना के बीच पटरी नहीं बैठ रही थी. वैसे यह माना जा रहा है कि मकवाना ने रिश्वतखोरी को पकड़ने के विशेष पुलिस स्थापना के अधिकारों का अपने महानिदेशक के कार्यकाल में जमकर उपयोग हुआ और इसको लेकर आज एक वरिष्ठ अधिकारी ने मकवाना की सराहना भी की है।
मध्य प्रदेश शासन ने आज चार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के तबादला आदेश जारी किए हैं जिनमें लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना के महानिदेशक कैलाश मकवाना के अलावा एक एडीजी केटी वाईफे का भी नाम है। वाईफे की जगह तो राज्य शासन ने 1996 बैच के योगेश चौधरी की पदस्थापना कर दी है लेकिन इस बा विशेष पुलिस स्थापना के नए महानिदेशक को लेकर ताबड़तोड़ अंदाज में लिए जाने वाले फैसले जैसा कोई कदम नहीं उठाया है।
पटरी नहीं बैठने से हटाए गए मकवाना
लोकायुक्त संगठन में लोकायुक्त-उप लोकायुक्त, उनके विधि सलाहकारों की बिल्डिंग विशेष पुलिस स्थापना की बिल्डिंग से अलग है। इन दोनों बिल्डिंग की जो दूरी थी, वह अब तक उनमें बैठने वाले लोगों के बीच बाहर से नजर नहीं आती हैं। मगर आज के आदेश से इन दूरियां का अहसास हो गया है। कैलाश मकवाना जब से महानिदेशक बने थे तब से उनकी कार्यप्रणाली से दूसरी बिल्डिंग के लोग सहमति नहीं रखते थे। यही वजह रही कि लोकायुक्त में पिछले काफी समय से अनुपातहीन संपत्ति, पद के दुरुपयोग जैसे मामलों में फाइलें एक बिल्डिंग से दूसरी बिल्डिंग तक चली तों लेकिन उनके लौटने का सिलसिला लगभग थम सा गया था। विशेष पुलिस स्थापना को रिश्वतखोरों को पकड़ने का सीधे अधिकार था तो उसने इसका जमकर उपयोग किया और लगभग हर दिन कोई न कोई रिश्वतखोर रंगेहाथों धराया।
मकवाना के ट्वीट चर्चा में
तबादला आदेशों को लेकर मकवाना ने आज दो ट्वीट किए। उन्होंने अपने पहले ट्वीट में लिखा कि उनके महानिदेशक लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना के छह महीने पूरे हो गए और तबादले की सूचना दी। दूसरे ट्वीट में उन्होंने एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा उनके कार्यकाल को लेकर की गई टिप्पणी को पोस्ट किया है। इन ट्वीट की लोकायुक्त संगठन और पुलिस महकमे में जमकर चर्चा रही।
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