बुरहानपुर में अपराधी जंगल में अतिक्रमण करा रहे, DFO का SP को पत्र, क्यों नहीं हो रही गिरफ्तारी…?

मध्य प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र में हथियारबंद अतिक्रमणकारियों के आंतक के बीच यह खुलासा हुआ है कि जंगल पर कब्जा कराने वालों कई कुख्यात अपराधी हैं। पुलिस में भारी-भरकम अपराधिक रिकॉर्ड होने के बाद भी इनकी गिरफ्तारी नहीं हो रही है। यह खुलासा तीन दिन पहले बुरहानपुर डीएफओ द्वारा पुलिस अधीक्षक को लिखे गए पत्र से हुआ है। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि कुख्यात अपराधी हैं तो उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही है। डीएफओ ने ऐसे अपराधियों के नाम भी पत्र में लिखे हैं। आईए आपको बताते हैं क्या है पत्र में।

बुरहानपुर में अतिक्रमणकारियों के मन में पुलिस एवं कानून व्यवस्था का कोई भय नहीं है. लचर कानून व्यवस्था के चलते ही अतिक्रमणकारी निडर होकर खुलेआम घूम रहे हैं और शक्ति प्रदर्शन भी कर रहे हैं. अपराध दर्ज होने के बाद भी गिरफ्तारी नहीं होने के कारण उनके हौसले भी बुलंद है। निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने भी बुरहानपुर अतिक्रमण माफिया का मुद्दा विधानसभा में ध्यानाकर्षण के जरिये उठाया हैं। शेरा ने आरोप लगाया कि उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है जिसके कारण कार्यवाही नहीं हो पा रही है।
20 दिन पहले ही बुरहानपुर पहुंचे डीएफओ अनुपम शर्मा ने अतिक्रमणकारियों के खिलाफ मोर्चा तो खोल दिया किंतु जिला प्रशासन और पुलिस बल से अपेक्षाकृत सहयोग नहीं मिलने से निराश है। यही कारण है कि डीएफओ बुरहानपुर ने पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा को 13 मार्च को एक पत्र लिखा है। अपने पत्र में पुलिस अधीक्षक को आईना दिखाते हुए लिखा है कि 22 फरवरी को आपके (एसपी) नेतृत्व में घाघरला के जंगलों को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया था परंतु वास्तविकता यह है कि अतिक्रमणकारी उस समय जंगल से अस्थाई रूप से चले गए थे जो पुनः 17 दिन बाद वापस जंगल में घुस गए। डीएफओ ने सवाल उठाया कि यह किस प्रकार का अतिक्रमणमुक्त कराना हुआ, जहां हथियारों से लैस अतिक्रमणकारियों को कानून व्यवस्था का कोई डर नहीं रहा। लचर कानून व्यवस्था के कारण संगठित अपराध का रूप ले चुकी अतिक्रमणकारी की समस्या से घाघरला के अतिरिक्त झिरी-झांझर, ठाठर-बलड़ी, सिवेल- साईंखेड़ा, घोराघाट आदि क्षेत्रों में भी बढ़ गई है। इन सभी क्षेत्रों में अतिक्रमणकारियों द्वारा स्थानीय लोगों को जान माल का खतरा बना हुआ है। इन सभी क्षेत्रों के लिए डीएफओ ने एसपी से आग्रह किया है कि कानून व्यवस्था को पुनः स्थापित करने के लिए अतिरिक्त बल पर्याप्त संख्या में तैनात करें।
अपराधियों पर कार्यवाही नहीं
अतिक्रमणकारियों का नेतृत्व करने वाले फूल सिंह सुबला, रेव सिंह और लीलाराम जैसे कुख्यात अपराधी हैं, जो अतिक्रमण करवाने के अलावा कई संगीन अपराधों में संलिप्त होने के बावजूद भी अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। जबकि इनके खिलाफ पुलिस में भी अपराध दर्ज है। इसके अलावा रतन बारेला, मंगल बारेला, अविनाश, रमेश, आल सिंग, भीम सिंग, दूर सिंग, श्यामू, जान सिंग, सुरपाल, सुखलाल और नवल के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बावजूद भी पुलिस ने अभी तक गिरफ्तारी नहीं की है।
संगठित अपराधियों के गिरोह से लड़ने में प्रशिक्षित नहीं वनकर्मी
एसपी को संबोधित पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि वन कर्मी संगठित अपराधियों के गिरोह से लड़ने में प्रशिक्षित नहीं हैं। निरंतर कानून व्यवस्था की खराब होने से वनों की कटाई हो रही है। जंगलों की सुरक्षा और हानि का आकलन करने के लिए भी कई बनकर में वन क्षेत्रों में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि उनके ऊपर अतिक्रमणकारी गोफन और पत्थरों से हमला करते हैं। वैसे भी हथियारों से लैस हमलावर अतिक्रमणकारियों से ग्रामीणों को बचाना और उन को पकड़ना पुलिस का कर्तव्य है।

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