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बिना नंबर की गाड़ियों से चंबल नदी का सीना छलनी कर खोदी जा रही रेत, NGT के डंडे के बाद अब हो रहे यह प्रयास

ग्वालियर-चंबल की पहचान चंबल नदी इन दिनों अवैध रेत उत्खनन करने वालों की चारागाह बन गई है जिसकी वजहसे राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल वन्यजीव अभ्यारण्य और नदी दोनों पर खतरा मंडराने लगा है। अवैध रेत उत्खनन करने वालों की चंबल में गतिविधियों को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की सख्ती के बाद अब प्रशासन ने क्या कदम उठाए, यह पढ़िये हमारी रिपोर्ट में।
ग्वालियर-चंबल संभाग की जीवनदायिनी चंबल नदी में लंबे समय से अवैध रेत उत्खनन हो रहा है जिसको रोकने में एक आईपीएस की कुछ साल पहले जान भी जा चुकी है। उन्हें रेत माफिया द्वारा मार दिए जाने के आरोप भी लगे थे और इसके बाद कई बार प्रशासनिक अमले पर हमले भी हो चुके हैं। इस अवैध रेत उत्खनन को लेकर राजनीतिक संरक्षण के आरोप भी लगते रहे हैं। हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह इस मुद्दे पर कुछ समय पहले तक काफी मुखर हुआ करते थे लेकिन इस मुद्दे पर अब सदन के भीतर भी विरोध की आवाज कम सुनाई दे रही है।
एनजीटी ने चंबल व घड़ियाल अभयारण्य की चिंता करते हुए अवैध उत्खनन पर सख्ती दिखाई
चंबल नदी में अवैध रेत उत्खनन से यहां के राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल वन्यजीव अभयारण्य के घड़ियालों के जीवन पर खतरा मंडराता देखकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने प्रशासन को नदी से रेत निकालने के अवैध कारोबार पर सख्ती के साथ कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके बाद पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना ने ग्वालियर-चंबल के आला पुलिस अफसरों की क्लास ली। चंबल नदी-घड़ियाल अभयारण्य की सुरक्षा के लिए किए जा रहे उपायों की समीक्षा की।
घड़ियाल अभयारण्य पर ड्रोन से निगरानी
बताया जाता है कि चंबल के घड़ियाल अभयारण्य के घड़ियालों की सुरक्षा के लिए ड्रोन की मदद से उनकी निगरानी की जाती है। अवैध उत्खनन में लगे लोगों पर एफआईआर दर्ज की जाती हैं और अब तक 39 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं जिनमें दो दर्जन से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार भी हो चुके हैं। अवैध रेत उत्खनन रोकने के लिए मुरैना में सशस्त्र बल की एक-एक कंपनी भी दी गई हैं जिन्हें जिला पुलिस के साथ 17 चिन्हित स्थानों पर हथियारों लैश कर चैकपोस्ट बनाकर तैनात किया गया है।
बिना नंबर की वाहनों को पेट्रोल-डीजल पर रोक
चंबल नदी में अवैध रेत उत्खनन करने वालों के बिना नंबर प्लेट के वाहनों का इस्तेमाल किया जाता है और इनसे निपटने के लिए प्रशासन यह कार्रवाई कर रहा है कि ऐसे वाहनों को पेट्रोल-डीजल देने पर रोक लगा दी गई है। इसके लिए धारा 144 के तहत आदेश जारी किए गए हैं।
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