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बारिश का कहरः इंदिरा गांधी सागर बांध लबालब, गेट खोले जाने से लोग प्रभावित
प्रदेश में बारिश का कहर लगातार जारी है। सामान्य से करीब 35 फीसदी से ज्यादा बारिश के बाद भी मालवा, ग्वालियर-चंबल व निमाड़ क्षेत्र में अभी भी अनवरत पानी बरस रहा है। मंदसौर क्षेत्र में एक पुल के बारिश में बह जाने की घटना भी सामने आई है जिसे बने हुए अभी दस साल भी नहीं हुए थे। प्रदेश का कोई भी ऐसा बांध नहीं है जो पानी से लबालब नहीं हो सका हो। इंदिरा गांधी सागर बांध के लबालब होने से उसका पानी छोड़ने पर निचली बस्तियों पर कहर ढाने की संभावनाएं हैं और वहां राहत व बचाव कार्य करने वालों को मुस्तैद कर दिया है। बांध को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही खबरों का राज्य जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर ही सही स्थिति दी। बांध में आने वाले पानी की मात्रा कम होने से स्थिति में सुधार की बात कही है।
बारिश के कारण मध्यप्रदेश में सामान्य से ज्यादा बारिश से अब जनजीवन अस्त व्यस्त होने लगा है। मालवा क्षेत्र में मंदसौर हो या नीमच या मुरैना या अन्य कोई भी जिला, सामान्य जनजीवन नहीं रहा। अब बारिश सबसे ज्यादा मालवा के उज्जैन, मंदसौर, नीमच जैसे इलाकों में आ रही है जिससे चंबल नदी खतरे के निशान से बेहद ऊपर बह रही है। नर्मदा नदी में भी अब बारिश का पानी पहुंच रहा है जिससे जलस्तर पर में उतार नहीं हो पा रहा है। प्रदेश का कोई भी ऐसा बांध नहीं बचा जिसमें बारिश का पानी पहुंचने से अधिकतम जलस्तर नहीं पहुंचा हो।
इंदिरा गांधी सागर बांध का पानी छोड़ने के लिए क्षेत्र के कलेक्टरों द्वारा लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। प्रधानमंत्री ऑफिस भी बांध की स्थिति पर नजर रखे है। रविवार को दोपहर में पीएमओ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग कर स्थिति की जानकारी ली। वहीं, मप्र के जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी बांध की स्थिति पर नजर रखे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री कमलनाथ भी भारी बारिश की वजह से लगातार मॉनीटरिंग कर रहे हैं। प्रभावित क्षेत्रों के अधिकारियों से वे संपर्क में हैं और उन्हें निर्देश दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने भारी बारिश से किसानों की फसलों के सर्वे को लेकर एकबार फिर सर्वे को गंभीरता से करने के निर्देश दिए हैं जिससे प्रभावित किसानों को उनके नुकसान का पूरा मुआवजा दिया जा सके। इधर, बारिश की स्थिति को देखकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने दौरे शुरू करने का ऐलान किया है।
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