बालाघाट में बागेश्वर धाम की कथा के स्थान को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई के दौरान एक वकील ने जब न्यायाधीश से बेहूदा बहस की तो जज ने वकील को जमकर लताड़ा। न्यायाधीश ने वकील को जेल भेजने की चेतावनी भी दी। पढ़िये सुनवाई के वायरल वीडियो के आधार पर हमारी तैयार रिपोर्ट कि किस तरह वकील और जज साहब के बीच बहस हुई और वकील के जवाब से असंतुष्ट होने पर कैसे जज साहब ने फटकार लगाई।
बालाघाट में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा के आयोजनस्थल को लेकर पिछले दिनों हाईकोर्ट में कथित सर्व आदिवासी समाज की ओर से एक याचिका लगाई थी जिसमें बहस के लिए एक अधिवक्ता जीएस ओते अदालत के सामने खड़े हुए। याचिका पर सुनवाई के दौरान की करीब तीन मिनिट की एक वीडियो वायरल हो रही है जिसमें वकील साहब से जज साहब कुछ सवाल कर रहे हैं लेकिन वे उन सवालों का जवाब देने के बजाय उन पर तर्क नहीं सुनने के आरोप लगाते सुनाई दे रहे हैं।
याचिका पर सुनवाई के लिए अधिकृत किए जाने का पत्र
याचिका पर न्यायाधीश विवेक अग्रवाल की कोर्ट में सुनवाई हो रही थी तो जज साहब ने वकील साहब से उन्हें याचिका पेश करने वाली संस्था की ओर से अधिकृत करने का पत्र पेश करने का कहा तो वकील साहब पहले फाइल के पेज पलटने लगे और बाद में अदालत पर ही उनकी बात नहीं सुनने का आरोप लगाने लगे। वकील साहब के आरोपों पर न्यायाधीश ने उन्हें जमकर फटकारा और कहा कि आप कब से हाईकोर्ट में वकालत कर रहे हैं। आपको यह भी नहीं पता कि अदालत में किस तरह बहस की जाती है।
जेल में भेजने की चेतावनी
न्यायाधीश विवेक अग्रवाल ने वकील जीएस ओते से पूछे गए सवालों का जवाब नहीं देने पर चेतावनी दी कि याचिका पर तब सुनवाई करेंगे जब वे बताएंगे कि उन्हें किसने अधिकृत किया है। वकील के जवाब नहीं देने पर उन्होंने यहीं से सीधे जेल में डालने की चेतावनी दी। जब वकील साहब ने बागेश्वर धाम के कथास्थल को लेकर कहा कि आदिवासी समाज के बड़ा देव वाले स्थान की मान्यता है और वहां कथा नहीं होना चाहिए तो जज साहब ने उनसे बड़ा देव स्थान की मान्यता का सवाल किया। इस सवाल का जवाब भी वकील नहीं दे सके। अंततः न्यायाधीश ने याचिका को खारिज कर दिया लेकिन अदालत के भीतर हुई इस बहस का वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
Leave a Reply