बच्चन के साथ गुण्डागर्दी आदिवासियों का अपमान

प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष अरूण यादव ने 21 जनवरी को बड़वानी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान की मौजूदगी में सम्पन्न जनजाति सम्मेलन में कार्यकारी नेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन के साथ स्थानीय सांसद सुभाष पटेल द्वारा उनकी काॅलर पकड़ने, की गई बदसलुकी और उन्हें बोलने नहीं दिये जाने की घटना को आदिवासियों का अपमान और लोकतंत्र पर कालिख पोतने वाली एक बड़ी घटना निरूपित किया है।

यादव ने क्षुब्ध होकर लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन को लिखे एक पत्र में उन्होंने उच्च मानदण्डों के लिए दुनिया भर में ख्यात भारतीय राजनीति के इतिहास को स्थापित रहे जाने हेतु सांसद पटेल के आचरण के खिलाफ कार्यवाही किए जाने का आग्रह किया है। पत्र में कहा है कि सांसद सदस्यगणों के निरंकुश होने और सत्ता के मद में चुर होकर अपना आपा खोनपे की घटनाएं निरंतर बढ़ती जा रही है । मध्यप्रदेष भी इससे अछूता नहीं है। प्रदेष में पिछले 13 सालों से भाजपा सत्ता में है।
यादव ने श्रीमती महाजन को लिखे इस पत्र में घटना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया है कि बड़वानी जिले में राज्य स्तरीय जनजाति सम्मेलन का आयोजन किया गया था। सम्मेलन में केन्द्रीय मंत्री फग्ग्नसिंह कुलस्ते व मुख्यमंत्री मौजूद थे । स्थानीय विधायक और मध्यप्रदेष विधानसभा के कार्यकारी नेता प्रतिपक्ष के नाते बालाबच्चन. जो स्वयं आदिवासी भी है, कार्यक्रम में आमंत्रित थे। प्रदेष सरकार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में खरगोन के भाजपा सांसद सुभाष पटेल. प्रदेष सरकार में मंत्री अन्तरसिंह आर्य और कुलस्ते का भाषण कराया गया। इनके भाषणों के बाद मुख्यमंत्री को भाषण के लिए आमंत्रित किया गया ।
प्रोटोकाॅल के तहत नजर अंदाज किए जाने पर कार्यकारी नेता प्रतिपक्ष  श्री बच्चन ने उन्हें भी भाषण देने का अवसर मांगा, तो भाजपाई अपना आपा खो बैठे। दरअसल जिद करने पर उन्हें माईक मिला और आदिवासियों की बदहाली जब उन्होने बयान करना चाही तो सांसद पटेल ने न केवल उनकी काॅलर पकड़कर धक्का-मुक्की शुरू कर दी, बल्कि माईक  बंद करवा दिया गया । जनजाति सम्मेलन में आदिवासियों के सामने सही बात रख रहे बच्चन के बाद मुख्यमंत्री का भाषण होना था, वे श्री बच्चन के आरोपों का खंडन कर सकते थे ।
घटना के विरोध में कांग्रेस नेता राज्यपाल को ज्ञापन देंगे 
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव ने यह भी बताया है कि उक्तोल्लेखित घटना समूचे आदिवासी समाज का अपमान है। लिहाजा, कांग्रेस के सभी वरिष्ठ  नेता 24 जनवरी को राज्यपाल से मिलेंगे और  महामहिम राष्ट्रपति के नाम उन्हें ज्ञापन सौंपकर लोकतंत्र की रक्षा हेतु गुहार करेंगे ।

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