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यूपीए सरकार बैंकों में घाटे वाली परिसंपत्तियों के लिए जिम्मेदार: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार गरीबों की हर आवश्यकता पूरी करने और उनकी हर समस्या का समाधान करने के लिए काम कर रही है। आज नई दिल्ली में विज्ञान भवन में भारतीय वाणिज्य तथा उद्योग परिसंघ-फिक्की की वार्षिक आम सभा को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार एक ऐसी व्यवस्था तैयार कर रही है, जो न केवल पारदर्शी बल्कि लोगों की आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील है।
बैंकों की घाटे वाली परिसम्पत्तियों के मुद्दे पर कांग्रेस को निशाना बनाते हुए उन्होंने कहा कि पिछली यूपीए सरकार ने उद्योगपतियों को बड़े कर्ज देने के लिए बैंकों को बाध्य किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों के लिए सरकार के प्रयासों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जनधन योजना के तहत 30 करोड़ से अधिक गरीब लोगों ने अपने बैंक खाते खुलवाये। उन्होंने कहा कि एक अध्ययन से पता चला है कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति में कमी आई है। उन्होंने कहा कि रक्षा, वित्तीय और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में 87 महत्वपूर्ण सुधार किए गए। उन्होंने कहा कि तीन करोड़ से अधिक महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन मुफ्त उपलब्ध कराये गए। उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना के तहत नौ लाख 75 हजार से अधिक युवाओं को व्यापार के लिए गारंटी मुक्त ऋण के रूप में चार लाख करोड़ से अधिक की राशि दी गई, जिससे तीन करोड़ नए उद्यमी जुड़े। श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार व्यापार को ध्यान में रखते हुए बहुत से फालतू कानूनों को समाप्त करने जा रही है। उन्होंने कहा कि उद्योग की ओर से वस्तु एवं सेवाकर के बारे में मांग की जाती रही है और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने इसे लागू किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन उपायों से लोगों के कर के बोझ में कमी आएगी।
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Tags: khabar delhi
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