-
दुनिया
-
अफ्रीकी चीता गामिनी ने छह शावकों को जन्म दिया
-
पं. प्रदीप मिश्रा सीहोरवाले के कुबरेश्वरधाम में महाशिवरात्रि के बाजार सजे, देशभर से आ रहे अनुयायी
-
डॉक्टर ने जर्मनी में पत्नी से देह व्यापार कराने की कोशिश, इंदौर में दर्ज हुआ मामला
-
मध्य प्रदेश में साइबर चाइल्ड पोर्नोग्राफी के हर साल बढ़ रहे मामले, सोशल मीडिया प्लेटफार्म माध्यम
-
मैनिट भोपाल में स्टार्टअप एक्सपो, युवाओं, निवेशकों-ग्राहकों को मिलेगा मंच
-
प्रदेश की डिस्टलरीज द्वारा निर्मित सेनेटाइजर की दरें निर्धारित
आबकारी आयुक्त राजेश बहुगुणा ने प्रदेश की सभी डिस्टलरीज को सेनेटाइजर की बोतलों में विक्रय मूल्य अंकित करने के निर्देश दिये। उन्होंने अपेक्षा की है कि प्रदेश में कोरोना वायरस इस राष्ट्रीय आपदा के मद्देनजर 180 एमएल की 50 बोतलों की पेटी की शासकीय आपूर्ति के लिये जीएसटी सहित कीमत 1800 रूपये और गैर शासकीय आपूर्ति/विक्रय के लिये अधिकतम 2100 रूपये से अधिक नहीं रखें।
श्री बहुगुणा ने कहा है कि 180 एमएल की प्रत्येक बोतल में एमआरपी जीएसटी सहित 60 रूपये से अधिक और 90 एमएल की बोतल में 30 रूपये से अधिक अंकित नहीं करें। इससे विक्रेताओं को राष्ट्रीय आपदा के समय अनुचित लाभ लेने से रोका जा सकेगा। यदि 180 एमएल की बोतलों की अधिक मात्रा जैसे 5, 10, 20 लीटर आदि में यह आपूर्ति शासकीय संस्थाओं में की जाती है, तो 175 रूपये प्रति बल्क लीटर और गैर शासकीय संस्थाओं को 190 रूपये प्रति बल्क लीटर जीएसटी सहित आपूर्ति की जाये।
प्रदेश की डिस्टलरियों में निर्मित सेनेटाइजर को संभागीय आयुक्त/जिला कलेक्टर के नियंत्रण में आबकारी विभाग के डिपो में रखा गया है। संभागीय आयुक्त इच्छानुसार इसे जिला मुख्यालयों पर स्थित जिला डिपो में संग्रहित करवा सकते हैं। शासकीय जरूरत के अनुसार पर्याप्त मात्रा में सेनेटाइजर उपलब्ध होने पर इसे मेडिकल स्टोर/विक्रय स्थलों पर ड्रग निरीक्षक के माध्यम से आमजन को विक्रय के लिये उपलब्ध करवा सकते हैं। ऐसे विक्रय स्थलों पर आवश्यक रूप से बाहर एक नोटिस बोर्ड पर यह प्रदर्शित किया जाना चाहिए कि दुकान में कितना सेनेटाइजर उपलब्ध है और उपभोक्ता के लिये इसके विक्रय मूल्य क्या है।
श्री बहुगुणा ने कहा है कि 20 सेकेण्ड तक साबुन से हाथ धोने पर वही प्रभाव होता है, जो सेनेटाइजर के उपयोग से होता है। उन्होंने कहा है कि शासकीय डिपो में सेनेटाइजर का पर्याप्त स्टॉक है तो डिस्टलरी के संचालक संभागीय आयुक्त से अनापत्ति प्राप्त कर खुले बाजार में भी इसे बेच सकते हैं। उन्होंने सभी संभागीय आयुक्त और कलेक्टर्स को प्रदेश के डिस्टलरीज द्वारा निर्मित सेनेटाइजर के मूल्य एवं विक्रय/वितरण की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिये।
Leave a Reply