मध्य प्रदेश में सीधी के आदिवासी युवक पर भाजपा कार्यकर्ता के पेशाब करने के वीडियो के वायरल होने के बाद मचा बवाल थम नहीं रहा है। हालांकि भाजपा और शिवराज सरकार डेमेज कंट्रोल में लगे हैं जिसमें संगठन ने अलग से जांच कमेटी बना दी है तो सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित व्यक्ति के परिवार को भोपाल में मुलाकात के लिए बुलाया है। कांग्रेस भी इस पर सियासत से पीछे कदम नहीं हटा रही है और उसने राज्यपाल से दस आदिवासी विधायकों को समय देने के लिए पत्र लिख दिया है। देखिये पूरे मामले में रिपोर्ट।
सीधी के पेशाब कांड को लेकर अब भाजपा और शिवराज सरकार के लिए परेशानी का कारण बन गया है जिससे उबरने के लिए भाजपा संगठन ने एक जांच कमेटी बनाई है। इसमें निगम अध्यक्ष रामलाल रोतेले के नेतृत्व में विधायक शरद कौल व अमरसिंह, पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष कांतिदेव सिंह की कमेटी जांच करेगी। वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा वायरल वीडियो में जो पीड़ित व्यक्ति दिखाई दे रहा है उसके परिवार को गुरुवार को भोपाल बुलाया है। वे उससे मुलाकात करेंगे। इसके पूर्व सीएम चौहान ने मामले में मंगलवार को ही सख्त कार्रवाई के पुलिस व प्रशासन को निर्देश दे दिए थे जिसके बाद रात को आरोपी प्रवेश शुक्ला की गिरफ्तारी व आज उसके अतिक्रमण को जमींदोज कर दिया गया था।
कांग्रेस आदिवासी पर अत्याचार पर सरकार को घेरने में जुटी
दूसरी तरफ कांग्रेस इस मुद्दे को हाथ से गंवाना नहीं चाह रही है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा, सुप्रिया श्रीनेत से लेकर मध्य प्रदेश के प्रभारी जयप्रकाश अग्रवाल और प्रदेश के तमाम आदिवासी विधायकों ओमकार मरकाम, डॉ. हीरालाल अलावा, प्रताप ग्रेवाल ने घटना को शर्मनाक बताया और शिवराज सरकार को आदिवासियों पर अत्याचार से निपटने में अक्षम करार दिया है। वहीं, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल, जिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्ञानेंद्र अग्रिहोत्री वीडियो वायरल होने के दूसरे दिन आज पीड़ित परिवार के घर मिलने पहुंचे व ढांढस बंधाया।
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