पुस्तक यात्रा के तहत देशभर के 4 राज्यों में 11 यात्राएं हुईं रवाना

पुस्तकों के बारे में भारत का सबसे बड़ा जागरूकता अभियान “विश्वरंग पुस्तक यात्रा” का आयोजन मप्र में रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा है। इसके तहत गुरुवार को राजभवन में मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने हरी झंडी दिखाकर किया। इसी के साथ देशभर के चार राज्यों में 11 यात्राएं भी रवाना की गईं।

इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने पुस्तक यात्रा के वाहन तथा आजादी के लिए संघर्ष करने वाले नायकों पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया और पुस्तक यात्रा की टीम को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय का यह प्रयास सराहनीय है। साथ ही कहा कि इसका लाभ बच्चों, विद्यार्थियों और समाज के सभी वर्गों को मिलेगा। इसकी विशेष बात यह भी है कि यह यात्रा उन दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचेगी और लोगों को इस अभियान से जोड़ेगी जहां आमतौर पर जानकारियां एवं पुस्तकों की पहुंच मुश्किल होती है।

वहीं, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे ने इस पहल पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के एक व्यापक जुड़ाव के साथ विश्वरंग पुस्तक यात्रा का उद्देश्य भारत के गुमनाम नायकों को सामने लाना है, चाहे वह वैज्ञानिक हों, लेखक हों, इतिहासकार हों और यहां तक कि स्वतंत्रता सेनानी भी हों, जिन्होंने भारतीय संस्कृति और विरासत को विश्व मानचित्र पर लाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आगे वे कहते हैं कि किताबें ज्ञान का प्रवेशद्वार हैं, इसलिए हम मानते हैं कि ज्ञान को सभी के साथ साझा किया जाना चाहिए। इस अपनी तरह की पहली विश्वरंग पुस्तक यात्रा के माध्यम से हमारा उद्देश्य पुस्तक दान को एक नियमित गतिविधि बनाना और विविध और दिलचस्प पठन सामग्री तक पहुंच प्रदान करना है।

विश्वरंग पुस्तक यात्रा के इस संस्करण में 22 से 30 सितंबर के बीच कुल 11 यात्राएं आयोजित होंगी, जिनमें से 7 यात्राएं मध्य प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, खंडवा, रीवा, रायसेन में,  दो यात्राएं छत्तीसगढ़ के रायपुर और बिलासपुर में होंगी। वहीं, बिहार के वैशाली और झारखंड में हजारीबाग में एक-एक यात्रा आयोजित होगी। इन शहरों से शुरू होकर चलित लाइब्रेरी आसपास के लगभग 7-8 जिलों को कवर करेगी। इस पहल के माध्यम से आईसेक्ट समूह का उद्देश्य पुराने पुस्तकालयों को सहयोग करना और पुनर्स्थापित करना है, जिनके पास अद्वितीय पुस्तकों का खजाना और ज्ञान का स्थान हैं। विश्वरंग पुस्तक यात्रा प्राथमिक लक्ष्य के रूप में पुस्तकों के दान पर ध्यान केंद्रित करेगी। इस पहल के एक भाग के रूप में आईसेक्ट समूह का लक्ष्य 4 राज्यों, 100 जिलों और 200 ब्लॉकों में कुल मिलाकर 15000 किमी की दूरी तय करना है।

विश्वरंग पुस्तक यात्रा वाहन भारत के ग्रामीण और अर्ध शहरी क्षेत्रों के चुनिंदा जिलों में प्रमुख स्थानों पर मौजूद रहेगी जिसमें कई विधाओं और प्रसिद्ध लेखकों की किताबों से आप रूबरू हो सकेंगे। 11 दिवसीय उत्सव का समापन 30 सितंबर को भोपाल के रवींद्र भवन में बड़ी धूमधाम और गायिका मालिनी अवस्थी की आकर्षक गायन प्रस्तुति के साथ किया जाएगा। कार्यक्रम में इस अवसर पर प्रमुख रूप से विश्वविद्यालय के कुलाधिपति चौबे, प्रो. चांसलर सिद्धार्थ चतुर्वेदी, कुलपति डॉ. ब्रह्मप्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह, आईसेक्ट ग्रुप ऑफ यूनिवर्सिटीज की निदेशक डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, वनमाली सृजन पीठ के अध्यक्ष मुकेश वर्मा, टैगोर विश्व कला एवं संस्कृति केंद्र के निदेशक विनय उपाध्याय, विश्वरंग पुस्तक यात्रा के संयोजक संजय सिंह राठौर एवं मप्र के अग्रणी साहित्यकार-रचनाकार उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ राज्यपाल के स्वागत शाल एवं श्रीफल के साथ किया गया। इसके बाद उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से पुस्तकें भेंट की गईं।

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