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पाठ्यक्रम में शामिल होगा रानी पद्मावती का जीवन
फिल्म पद्मावती पर राजपूत समुदाय के विरोध के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मुखर होकर उनके पक्ष में आ गए हैं. उन्होंने न सिर्फ अपने सूबे में फिल्म की रिलीज को बैन करने की घोषणा की है, बल्कि रानी पद्मावती को राष्ट्रमाता का दर्जा भी दे दिया है. अब इससे आगे बढ़कर वो शिक्षा प्रणाली में भी पद्मावती को प्रमुखता से शामिल करने जा रहे हैं.बुधवार को शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि चित्तौड़ की रानी पद्मावती के पाठ को अगले शैक्षणिक सत्र से पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. उज्जैन में राजपूत समाज के एक कार्यक्रम में उन्होंने यह घोषणी की. राजपूत समाज के नेताओं ने यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री चौहान को फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली की विवादास्पद फिल्म ‘पद्मावती’ की रिलीज को मध्यप्रदेश में प्रतिबंध लगाने के लिए सम्मानित करने के लिए आयोजित किया था.
इस दौरान शिवराज सिंह ने कहा, ‘राजमाता पद्मावती का पूरा जीवन चरित्र, उनके त्याग, तपस्या एवं वीरता को आने वाली पीढ़ियां जान सकें, इसलिए अगले सत्र से पाठ्यक्रम में उनका चरित्र सम्मिलित किया जाएगा, ताकि सही इतिहास आने वाली पीढ़ी और लोग जान सकें.
इससे पहले सोमवार को चौहान ने भोपाल में घोषणा की थी कि यदि ऐतिहासिक तथ्यों के साथ खिलवाड़ कर रानी पद्मावती के सम्मान के खिलाफ फिल्म ‘पद्मावती’ में दृश्य रखे गए तो इसे मध्यप्रदेश में रिलीज की परमिशन नहीं दी जाएगी. इसके साथ ही चौहान ने कहा था कि देश के वीरों की स्मृति में भोपाल में प्रस्तावित वीरभूमि प्रकल्प में रानी पद्मावती का भी स्मारक बनाया जाएगा.
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