पहले चरण में e-NAM से 250 मंडियां जुड़ी: श्री राधा मोहन सिंह

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, श्री राधा मोहन सिंह ने आज राष्‍ट्रीय कृषि बाज़ार (e-NAM) के पहले चरण को सफलतापूर्वक पूरा करने की घोषणा की और e-NAM मोबाइल एप लॉन्च किया। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, श्री परषोत्तम रुपाला उपस्थित रहे।

इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह द्वारा दिया गया भाषण निम्नलिखित है।

  1. जैसा कि आप जानते हैं कि राष्‍ट्रीय कृषि बाज़ार (e-NAM) कृषि उत्‍पाद की पारदर्शी और कार्य कुशल खरीद और बिक्री के लिए अखिल भारतीय इलेक्‍ट्रॉनिक पोर्टल है। e-NAM के सफल कार्यान्वयन हेतु भारत सरकार राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशो को अवसंरचनात्मक ढांचा जैसे हार्डवेयर, गुणवत्ता परिक्षण लैब इत्यादि के लिए एकमुश्त राशि 30 लाख रूपये तक प्रति मंडी की दर से उपलब्ध करा रही है I इसके अतिरिक्त ई-नाम का मुफ्त सॉफ्टवेयर एवं  सहायता हेतु  एक वर्ष के लिए एक आई. टी. एक्सपर्ट (मंडी एनालिस्ट) भी उपलब्ध कराया जा रहा है I
  2. 8 राज्‍यों की  21 + 2 मंडियों में पायलट के रूप में 14 अप्रैल, 2016 को योजना शुरू की गई थी। 30 सितम्‍बर, 2016 तक 200 मंडियों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था I

मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि पायलट चरण में आए अधिकतर कार्यान्‍वयन मुद्दों का समाधान कर लिया गया है तथा अब तक 10 राज्‍यों के 250 मंडियों में  e-NAM प्‍लेटफार्म शुरू हो चुका है {आंध्र प्रदेश (12), छत्‍तीसगढ़ (05), गुजरात (40), हरियाणा (36), हिमाचल प्रदेश (07), झारखंड (08), मध्‍य प्रदेश (20), राजस्‍थान (11), तेलंगाना (44), उत्‍तर प्रदेश (67)}।

  1. अब तक 14 राज्यों से 399 मंडियों को ई-नाम से जोड़ने हेतु प्रस्ताव प्राप्त हुए है I इन सभी को स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है I
  2. मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व है कि सभी स्‍टेक होल्‍डरों और खासकर मंडी और विपणन बोर्ड अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी से यह कार्यक्रम सफल हो रहा है और निश्‍चित कार्यक्रम से आगे बढ़ रहा है I मैं आश्‍वस्‍त हूं कि यह किसानों की आय बढ़ाने में भारी योगदान देगा।

अब तक 421 करोड़ रूपये के 1,53,992.7 मीट्रिक टन कृषि उत्‍पाद का कारोबार e-NAM पर हो चुका है।

अब तक 1,60,229 किसानों, 46,688 व्‍यापारियों और 25,970 कमीशन एजेंटों को e-NAM प्‍लेटफार्म पर पंजीकृत किया जा चुका है।

अनाजों, दलहन, तिलहन, मसालों, फलों और सब्‍जियों सहित 69 कृषि और बागवानी जिंसों के गुणवत्ता मानक e-NAM पर व्‍यापार के लिए अधिसूचित किए गए हैं I राज्‍यों को गुणवत्ता मूल्‍यांकन सुविधाएँ स्‍थापित करने के लिए कहा गया है ताकि व्‍यावसायिक एवं  वैज्ञानिक ढंग से किसानों के उत्‍पादों का गुणवत्‍ता मूल्‍याकंन सुनिश्‍चित किया जा सके ।

e-NAM पोर्टल में किसानों के लिए बिक्री उपरांत ऑनलाइन भुगतान का प्रावधान उपलब्‍ध कराया गया है तथा राज्‍यों से किसानों के बैंक खाते में बिक्री मूल्य के प्रत्‍यक्ष अंतरण को बढ़ावा देने का अनुरोध किया गया है।

मार्च, 2018 तक e-NAM के प्रथम चरण में कुल 585 मंडियों का जोड़ने का लक्ष्‍य है जिसमें से 400 मंडियों का मार्च, 2017 तक e-NAM प्‍लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा।

  1. परियोजना कार्यान्वयन के दौरान आयी सॉफ्टवेयर/हार्डवेयर से सम्बंधित विसंगतियों को मुख्यतः दूर कर लिया गया है I सॉफ्टवेयर के नये संस्करण जारी किये जा चुके है जिससे इ-नाम पोर्टल पर व्यापार  स्थिरता से हो रहा है I आगे भी जरुरत के अनुसार सॉफ्टवेयर के नये संस्करण जारी किये जायेंगे I
  2. e-NAM योजना में शामिल होने हेतु राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशो में मंडी एक्ट में सुधार की स्थिति  निम्नवत है :-

Ø      17 राज्यों एवं 01 संघ शासित प्रदेशों  ने पूर्ण / आंशिक परिवर्तन किया है I इनके नाम हैं:- आंध्र प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, गोवा, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मिजोरम, पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखण्ड, नागालैंड, हरियाणा और चंडीगढ़ I

Ø      03  राज्यों एवं 01 संघ शासित प्रदेश में मंडी कानून है और उन्होंने परिवर्तन की सहमति जताई है जो अभी प्रक्रिया में है I इनके नाम हैं:  तमिलनाडु, ओडिशा, असम और पुद्दुचेरी I

Ø      06 राज्यों में मंडी कानून है लेकिन अभी कोई परिवर्तन नहीं किया गया है I इनके नाम हैं:- अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मेघालय, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर और दिल्लीI इनमे से पश्चिम बंगाल ने ऑनलाइन व्यापार हेतु ई–नाम सॉफ्टवेयर की मांग की हैI

Ø      01 राज्य सिक्किम में मंडी एक्ट है लेकिन लागू नहीं है I

Ø      03 राज्यों एवं 04 संघ शासित प्रदेशों में मंडी कानून नहीं है I इनके नाम हैं:  बिहार, केरल, मणिपुर, अंडमान एवं निकोबार, लक्षद्वीप, दादर एवं नगर हवेली, दमन एवं दीव I इन राज्यों को एक्ट/नियामक बनाने के लिए आग्रह किया गया है I बिहार और केरल के साथ इस सम्बन्ध में 14 अक्टूबर को मीटिंग रखी गयी है I

उन सभी राज्यों जिनमे मंडी एक्ट में पूर्ण या आंशिक परिवर्तन की जरुरत है, से मेरा निवेदन है कि प्राथमिकता से एक्ट में सुधार लाकर योजना से जुड़े I जिन राज्यों में मंडी कानून नहीं है, उनसे भी निवेदन है कि जरुरी नियामक बनाकर इ-नाम योजना से जुड़े ताकि किसानो को आय वृधि का लाभ मिल सके I

  1. e-NAM से किसानों को अधिक लाभ मिलेगा, क्रेताओं को कम लागत पर कारोबार सुलभ होगा तथा स्‍थायी मंडियों का विकास होगा। यह किसानो को विस्‍तृत विकल्‍प वाली राष्‍ट्रीय मंडी तक पंहुचने में समर्थ बनाएगा।

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