राजगढ़ के एक सिपाही ने अपने जनसेवा के जज्बे की खातिर 450 किलोमीटर की यात्रा पैदल और लोगों से लिफ्ट मांगकर परी की। इटावा से वह यहां पहुंचा और उसने कोरोना वायरस संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लगाई ड्यूटी में जुट गया।
देश कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है इसकी भयावहता के चलते देश की सरकार ने सारे राज्यों में लॉक डाउन के आदेश दिए गए हैं ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके, राज्यों का पुलिस बल लगातार 24 घंटे जनता को इस हेतु आगाह कर रहा है और अपनी ड्यूटियों में संलग्न है, वहीं राजगढ़ जिले में पदस्थ एक पुलिसकर्मी ने अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए जो साहस का कार्य किया है वह निश्चित रूप से एक मिसाल है।
थाना पचोर में पदस्थ आरक्षक दिग्विजय शर्मा 16 मार्च को स्नातक परीक्षा हेतु छुट्टी पर अपने घर इटावा (उ प्र) गए थे और छुट्टी के दौरान लॉक डाउन होने से परीक्षायें स्थगित होने के कारण उन्हें ड्यूटी पर लौटना था, और आरक्षक दिग्विजय शर्मा कर्तव्यनिष्ठा के साथ इटावा (उत्तर प्रदेश) से थाना पचोर के लिए निकल पड़े।
जहां लॉक डाउन होने से उन्हें कई किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा तो कई बार लिफ़्ट भी मिली, लॉक डाउन के कारण रास्ते में कहीं भी भोजन आदि की व्यवस्था ना मिलने से दिग्विजय को भूखा ही रहना पड़ा परंतु दिग्विजय शर्मा ने हार नही मानी और 28 मार्च को आखिरकार राजगढ़ पहुंचा। काफी किलोमीटर पैदल चलने के कारण दिग्विजय के पैरो में सूजन थी उसके बावजूद इतनी विपरीत परिस्तिथियों में भी अपनी कर्तव्य परायणता और अनुशासन प्रदर्शित कर पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी पर आ गया। थाना प्रभारी पचोर सुनील श्रीवास्तव के द्वारा सम्पूर्ण घटनाक्रम पुलिस अधीक्षक राजगढ़ श्री प्रदीप शर्मा को बताया जिन्होंने दिग्विजय शर्मा के कर्तव्य के प्रति समर्पण को अनुकरणीय बताया तथा दिग्विजय की भूरी भूरी प्रशंसा की थाना प्रभारी द्वारा दिग्विजय को समस्त स्टाफ़ के समक्ष सम्मानित किया गया !
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