‘पराग’ दुग्ध ब्राण्ड को सुदृढ़ कर आगे बढ़ाने की आवश्यकता

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि प्रदेश के किसानों की खुशहाली के लिए ‘पराग’ दुग्ध ब्राण्ड को सुदृढ़ करते हुए इसे आगे बढ़ाना आवश्यक है। अमूल डेयरी ब्राण्ड द्वारा प्रदेश में दुग्ध प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने के लिए धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश का किसान आत्मनिर्भर होकर सम्मान के साथ आगे बढ़ेगा। योगी जी ने यह विश्वास भी जताया कि प्रदेश के अपने दुग्ध ब्राण्ड पराग को सुदृढ़ करने में अमूल डेयरी द्वारा आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा।मुख्यमंत्री जी आज यहां शास्त्री भवन में दुग्ध विकास एवं डेयरी संवर्धन से सम्बन्धित एक बैठक में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। बैठक में प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चैधरी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव दुग्ध विकास के अलावा बनासकांठा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लि० के अध्यक्ष तथा गुजरात सरकार में पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री शंकरभाई चैधरी, अमूल डेयरी के प्रबन्ध निदेशक श्री आर०एस० सोढ़ी तथा अन्य पदाधिकारी भाग ले रहे थे।ज्ञातव्य है कि लखनऊ के सुल्तानपुर रोड स्थित चकगंजरिया में स्थापित 5 लाख लीटर क्षमता का दुग्ध प्रसंस्करण प्लाण्ट बनासकांठा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लि० द्वारा स्थापित किया गया है। बैठक से पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने इस प्लाण्ट का निरीक्षण किया तथा प्लाण्ट के विभिन्न विभागों में जाकर उनके कार्य और कार्य प्रणाली के बारे में विस्तृत जानकारी भी प्राप्त की।प्रमुख सचिव दुग्ध विकास ने बताया कि प्रदेश में जनपद स्तर पर स्थापित 59 दुग्ध संघों को समायोजित करके मण्डल स्तर पर 18 दुग्ध संघ गठित किये गये हैं। गोण्डा, मिर्जापुर, चित्रकूट तथा बस्ती मण्डलों को छोड़कर, 14 मण्डलों मंे दुग्ध संघ के लिए दुग्ध प्रसंस्करण प्लाण्ट लगाये जा रहे हैं, जिन्हें मार्च, 2018 तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कन्नौज स्थित दुग्ध प्रसंस्करण प्लाण्ट सितम्बर, 2017 तक संचालित हो जाएगा।योगी जी ने कहा कि पराग ब्राण्ड के तहत दुग्ध संघों की संख्या 59 से घटकर 18 होना उपलब्धि नहीं, विफलता है। पराग ब्राण्ड को पुनस्र्थापित करने के लिए व्यापक कार्य योजना बनाये जाने की आवश्यकता है। पराग को प्रतिस्पर्धा के माध्यम से स्वयं को सुदृढ़ करना होगा। इसके लिए अमूल डेयरी से सहयोग लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पराग द्वारा स्थापित किये जा रहे दुग्ध प्लाण्टों की क्षमता कम होने के कारण वे लाभकारी ;टपंइसमद्ध नहीं होंगे।मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये कि गोरखपुर में स्थापित किये जा रहे दुग्ध प्रसंस्करण प्लाण्ट की क्षमता एक लाख से बढ़ाकर 3 लाख लीटर प्रतिदिन तथा वाराणसी में बनाये जा रहे दुग्ध प्रसंस्करण प्लाण्ट की क्षमता 4 लाख से बढ़ाकर 6 लाख लीटर प्रतिदिन की जाए। उन्होंने कहा कि वाराणसी के प्लाण्ट को समझौते के तहत अमूल को चलाने के लिए दे दिया जाए तथा गोरखपुर और कानपुर स्थित पराग के प्लाण्ट को अमूल की तर्ज पर चलाकर प्रतिस्पर्धा के माध्यम से स्वयं को सुदृढ़ बनाए।योगी जी ने कहा कि लोग पैसा देकर अच्छा दूध खरीदना चाहते हैं। बाजार में शुद्ध और आॅर्गेनिक वस्तुओं की मांग है। देसी गाय के दूध के लिए लोग अधिक पैसा देने को तैयार हैं। दुग्ध प्रसंस्करण इकाइयों के माध्यम से शुद्ध दूध उपलब्ध होने पर मिलावटी दूध की बिक्री स्वतः बन्द हो जाएगी। उन्होंने दुग्ध प्रसंस्करण इकाइयों के संचालन के लिए समय पर कार्य योजना तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रसंस्करण इकाइयों में कुशल, ईमानदार और निष्ठावान कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए तथा इकाइयों के संचालन से पूर्व दूध उपार्जन और मार्केटिंग की तैयारी पूरी कर ली जाए।योगी जी ने कहा कि गोरखपुर जनपद से सटे प्रदेश के सभी जनपद तथा बिहार और नेपाल का इलाका उपजाऊ है। यहां पानी की कमी नहीं है। हरा चारा मौजूद है। इसलिए गोरखपुर में दुग्ध प्रसंस्करण इकाई की सफलता की बहुत सम्भावना है। लेकिन किसान को दुग्ध उत्पादन के प्रति जागरूक करने, उन्हें अच्छा पशुधन दिलवाने तथा उनके द्वारा उत्पादित दूध के उचित मूल्य पर खरीद की आवश्यकता है।बनासकांठा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लि० के अध्यक्ष तथा गुजरात सरकार में पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री शंकरभाई चैधरी ने बताया कि गुजरात में जनपदवार दुग्ध संघ दूध के उपार्जन और प्रसंस्करण का काम करते हैं, जबकि अमूल ब्राण्ड के तहत शोध एवं विकास तथा विपणन का काम किया जाता है। बनासकांठा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लि० एशिया की सबसे बड़ी सहकारी डेयरी है। उन्होंने कहा कि उनकी संस्था और अमूल डेयरी उत्तर प्रदेश के किसानों के हित में पराग डेयरी को हर सम्भव सहयोग देने के लिए तैयार है।अमूल डेयरी के प्रबन्ध निदेशक श्री आर०एस० सोढ़ी ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से बताया कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक राज्य है। यहां गुजरात के मुकाबले दो-गुने से भी अधिक दूध का उत्पादन होता है। अमूल डेयरी की कार्य पद्धति की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि अमूल देश का सबसे बड़ा ब्राण्ड है। अमूल ने उत्तर प्रदेश के किसानों को दुग्ध मूल्य के रूप में 360 करोड़ रुपये दिये हैं, जिसे आगामी वर्षाें में बढ़ाकर 3,500 करोड़ रुपये करने की योजना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Khabar News | MP Breaking News | MP Khel Samachar | Latest News in Hindi Bhopal | Bhopal News In Hindi | Bhopal News Headlines | Bhopal Breaking News | Bhopal Khel Samachar | MP News Today