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पत्रकारों पर मानहानि का मुकदमा करने वालों को सुप्रीम कोर्ट की सलाह, सहनशील बनें
हाल के दिनों में मीडिया के खिलाफ हुए मानहानि के मुकदमों पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि प्रेस की बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी ‘पूर्ण’ होनी चाहिए और ‘कुछ गलत रिपोर्टिंग’ होने पर मीडिया को मानहानि के लिये नहीं पकड़ा जाना चाहिए. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने एक पत्रकार और मीडिया हाउस के खिलाफ मानहानि की शिकायत निरस्त करने के पटना हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुये कीं.
पीठ ने कहा, ‘लोकतंत्र में, आपको (याचिकाकर्ता) सहनशीलता सीखनी चाहिए. किसी कथित घोटाले की रिपोर्टिंग करते समय उत्साह में कुछ गलती हो सकती है. परंतु हमें प्रेस को पूरी तरह से बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी देनी चाहिए. कुछ गलत रिपोर्टिंग हो सकती है. इसके लिये उसे मानहानि के शिकंजे में नहीं घेरना चाहिए.’
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