पटवा का जनसंघ के संस्थापक सदस्य से भाजपा के संस्थापक सदस्य का सफर

सुन्दरलाल पटवा का जन्म मंदसौर जिले के कुकडेश्वर कस्बे में एक प्रगतिशील श्वेताम्बर जैन परिवार में 11 नवम्बर 1924 को हुआ था। उनके पिता मन्नालाल पटवा अपने क्षेत्र के एक ख्यातिप्राप्त व्यवसायी और प्रतिष्ठत समाज सेवी थे। 

पटवा की प्रारंभिक शिक्षा कुकडेश्वर और रामपुरा में हुई। अपने पारिवारिक परिवेश और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से प्रतिबद्घता के कारण भारतीय संस्कृति, मानवीय मूल्यों, सामाजिक मर्यादाओं के प्रति रूझान के कारण पटवा इन्टरमीडियेट तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश कर गये।

मनासा क्षेत्र से 1957 में मध्यप्रदेश विधानसभा में प्रवेश किया और अपने क्षेत्र की समस्याओं को मुखरित करने और उनके समाधान के लिए निरन्तर प्रयत्नशील रहे हैं। अपने क्षेत्र के प्रति जागरूकता के कारण वे पुनः 1962 में निर्वाचित हुए और विधान सभा में प्रतिपक्ष के मुख्य सचेतक रहे। भारतीय जनसंघ की प्रदेश शाखा के महामंत्री रहे।

1967 में नीमच सेन्ट्रल को-आपरेटिव बैंक के अध्यक्ष निर्वाचित हुए और लम्बे समय तक इस बैंक के विभिन्न पदों पर कार्य  किया।  वे आपतकाल के दौरान 18 माह तक कारावास की अवधि में श्री पटवा ने अपना समय अध्ययन में लगाया। 1977 के आम चुनाव में आप फिर विधान सभा के लिए जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में विजयी हुए और जनता विधायक दल के महामंत्री के रूप में आपने अपनी अपूर्व संगठन क्षमता का परिचय दिया। जनता शासन के अंतिम समय 20 जनवरी 1980 से 17 फरवरी 80 तक कुछ समय के लिए वे मुख्यमंत्री भी रहे और आपने ही प्रतिपक्ष के नेता को केबिनेट मंत्री का दर्जा देने का महत्वपूर्ण कदम उठाया था।

1980 के चुनाव में सीहोर से विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए और उन्होंने प्रतिपक्ष के नेता के रूप में विधान सभा में अपनी तार्किक ओर ओजस्वी शैली से विभिन्न जन समस्याओं को उठाकर प्रतिपक्ष की भूमिका को एक नया आयाम प्रदान किया। 1986 से भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष और जागरूक विधायक के रूप में कार्यरत रहे।

पटवाजी का सार्वजनिक जीवन इस प्रकार रहा:

सन् 1942 से 51 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता व विस्तारक।
सन् 1948- संघ पर लगे प्रतिबंध के कारण 6 माह की जेल यात्रा।
सन् 1951 से जनसंघ के संस्थापक सदस्य व सन् 1980 से भाजपा के संस्थापक सदस्य।
विधायक- 1957 व 1962 मनासा, सन् 1977 मंदसौर, सन् 1980 सीहोर, सन् 1985, 90, 93, 98 भोजपुर।
सांसद- सन् 1997 से 1998 छिंदवाड़ा, सन् 1999 से 2004 होशंगाबाद।
विधानसीाा में नेता प्रतिपक्ष के मुख्य सचेतक- सन् 1962 से 67।
अध्यक्ष – नीमच सेन्ट्रल को-आॅपरेटिव बैंक- सन् 1967 से 75।
मीसा के तहत जेलयात्रा- सन् 1975 से 77 (19 माह)।
मुख्यमंत्री- 20 जनवरी सन् 1980 से 17 फरवरी 1980 तक, 5 मार्च 1990 से 15 दिसम्बर 1992 तक।
नेता प्रतिपक्ष – सन् 1980-85
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सन् 1980-85 व सन् 1986-90
केंद्रीय मंत्री – सन् 1999 से 2001 तक केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री।
पदयात्रा- सन् 1984 में 2200 किमी की पदयात्रा जगदलपुर से झाबुआ।
सन् 1994 में राजगढ़ जिले के ग्रामीण अंचल की पदयात्रा।
वर्तमान- प्रदेश भाजपा के संरक्षण व मार्गदर्शक।

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