नोटबंदी के असर से राहत देने के लिए कदम उठाये जायें: सुभाषिणी अली सहगल

पूर्व सांसद एवं सीपीआई(एम) पोलिट ब्यूरो सदस्या सुभाषिणी अली सहगल ने कहा कि नोटबंदी का असर मध्यप्रदेश के गांवों, शहरों, उद्योगों, खेती रोजगार, स्वास्थ्य तथा पोषण पर बेहद विनाशकारी पड़ा है। छंटनी और उद्योगबंदी हुई है। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को काम न होने की वजह से गांव लौटना पड़ा है। सब्जी उत्पादक, होर्टीकल्चर तथा गेहूं, दाल के किसान तबाह हुए है।

सुभाषिणी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि मनरेगा बंद प्राय: है। कर्मचारी अपना वेतन और नागरिक अपना ही जमा पैसा नहीं निकाल पा रहे है। इस असाधारण सरकारजनित राष्ट्रीय आपदा से पीडि़त लोगों को राहत देने के लिए केन्द्र राज्य सरकारों को निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए।

सुभाषिणी अली ने कहा कि  संजय पाठक कांड-मुख्यमंत्री इस्तीफा दें। इस घोटाले की निष्पक्ष जॉच के लिए जरुरी है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह इस्तीफा दें, निष्पक्ष जॉच के लिए उसी एसपी को पुन: जिम्मा दिया जाए, जिसे हटाया गया है। 

अली ने कहा कि स्मार्ट सिटी के नाम पर गरीब जनता की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। इंदौर में जबरिया तोडफ़ोड़ शुरू कर दी गई है। ग्वालियर में स्मार्ट सिटी के संबंध में एक टीम के दौरे पर आने के कारण तीन दिन तक किसी भी ठेले, खोमचे वाले को सडक़ पर नहीं निकलने दिया गया।

सुभाषिणी ने कहा कि तीन दिन तक चली माकपा राज्य समिति बैठक ने म.प्र. में वामपंथी एवं अन्य लोकतांत्रिक दलों तथा सामाजिक आंदोलनों को एकजुट कर संघर्ष छेडऩे की योजना बनाई है। इन सबसे संपर्क समन्वय करके विधानसभा के बजट सत्र के दौरान राजधानी में प्रदर्शन की तैयारी है। इसमें नोटबंदी, लोकतंत्र, श्रमिको पर हमले, दलित आदिवासी मुद्दे, महिला उत्पीडऩ, सांप्रदायिकता, विस्थापन, जमीन की लूट, किसानों की बदहाली आवास तथा भ्रष्टाचार के प्रश्न उठाए जाएंगे।

 

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