नेता की रिश्तेदारी नौकरी में सक्षमता का पैमाना, कांग्रेस नेता के संबंधी तो लूप लाइन या अधिकारविहीन

सरकारी नौकरी में अधिकारियों की नेताओं से रिश्तेदारी कई बार भारी परेशानी का कारण बन जाती है। जब कांग्रेस सरकार आती है तो भाजपा की रिश्तेदारी वाले अफसर लूप लाइन या अधिकारविहीन पदों पर बैठा दिए जाते हैं और जब भाजपा सरकार वल्लभ भवन में बैठ जाती है वही हाल कांग्रेस नेताओं के संबंधियों का होता है। हम आपको ऐसे कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के बारे में जानकारी दे रहे हैं जिससे आपको भी यह धारणा सही लगेगी लेकिन कुछ इस धारणा को गलत भी साबित करते हैं जो मौके की नजाकत भांपकर दोनों ही नाव पर सवार होकर चलते। पढ़िये वरिष्ठ पत्रकार रवींद्र कैलासिया की रिपोर्ट।

यहां हम कुछ चुनिंदा अफसरों के बारे में आप तक जानकारी पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं जिनमें डिप्टी कलेक्टर से आईएएस बनीं 2008 बैच की उर्मिला शुक्ला हैं। विधानसभा के दो बार उपाध्यक्ष और एक बार अध्यक्ष रहे कांग्रेस नेता स्व रामकिशोर शुक्ला की बहू शुक्ला को 2016 में आईएएस अवार्ड हुआ था और आज तक उन्हें सरकार ने कोई भी जिले की कमान नहीं सौंपी है। वे जनवरी 2019 से वाल्मी की डायरेक्टर हैं।

डिप्टी कलेक्टर से आईएएस अवार्ड पाने वाली 2013 बैच की मीनाक्षी सिंह का इस केटेगरी में नाम जोड़ा जा सकता है जिनके पति दामोदर यादव मध्य प्रदेश कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हैं। मीनाक्षी सिंह की पदस्थापना भी लूप लाइन की रही है और अभी वे उप सचिव अनुसूचित जाति कल्याण के साथ उप सचिव अनुसूचित जनजाति विभाग के अतिरिक्त दायित्व का प्रभार संभाल रही हैं।

इसी श्रेणी में 2009 बैच के प्रमोटी आईएएस अमरपाल सिंह भी आते हैं। उनकी पत्नी प्रमिला सिंह हैं जो कांग्रेस की नेता हैं। उन्होंने 2019 में शहडोल लोकसभा सीट से हिमाद्री सिंह के खिलाफ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। राजनीति में पत्नी की सक्रियता और वह भी विरोधी पक्ष के दल की होने का खामियाजा अमरपाल को भुगतना पड़ता रहा है। अभी वे संचालक पंचायतराज हैं।

डिप्टी कलेक्टर से आईएएस अवार्ड पाने वाले 2008 बैच के अधिकारी ललित दाहिमा भी लंबे समय से जेल विभाग में हैं जो यहीं उप सचिव और अब अपर सचिव भी बन गए हैं। बीच में कुछ समय वे जिला कलेक्टर रहे लेकिन कुछ समय के भीतर ही उन्हें वापस मंत्रालय में जेल विभाग में पदस्थ कर दिया गया। उनके पिता मान दाहिमा थे जो खुद आईएएस अधिकारी रहे और सेवानिवृत्ति के पहले कांग्रेस विचारधार से प्रभावित रहे व रिटायरमेंट के बाद कांग्रेस से जुड़ गए थे। हालांकि ललित दाहिमा के खिलाफ ईओडब्ल्यू का एक मामला चल रहा है।

भारतीय पुलिस सेवा के 2013 बैच के अधिकारी हितेष चौधरी कांग्रेस विधायक कुनाल चौधरी के भाई हैं। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के सत्ता से हटते ही चौधरी को भोपाल रेल पुलिस का एसपी बना दिया गया था और मई महीने में उन्हें यहां तीन साल पूरे हो जाएंगे।

भारतीय पुलिस सेवा के 2004 बैच के अधिकारी गौरव राजपूत की मां मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की नेता हैं और वे 2018 में विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर रही थीं लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल सका था। हालांकि अभी गौरव गृह सचिव हैं और उनकी पोस्टिंग उपरोक्त उदाहरण में अपवाद मानी जा सकती है। मगर उन्हें राजनीति गणित में मैदानी पोस्टिंग के लिए सूटेबल नहीं माना जाने से वे रेंज में पदस्थ नहीं हो सके हैं।

इस श्रेणी में गैर अखिल भारतीय सेवा में इंजीनियर एआर सिंह का नाम भी एक है। एआर सिंह कांग्रेस की महिला नेता किरण अहिरवार के पति हैं जिनके पिता आईएएस आरएन बैरवा थे। वे भी कांग्रेस विचारधारा के थे और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के निकट माने जाते थे। किरण अहिरवार ने 2019 में कांग्रेस से लोकसभा टिकट पर चुनाव लड़ा था। आज एआर सिंह से जूनियर लोगों को मुख्य अभियंता का प्रभार दिया गया है जबकि उन्हें अधीक्षण यंत्री के रूप में निर्माण भवन में कक्ष दिया गया है। उनके पास कोई काम नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Khabar News | MP Breaking News | MP Khel Samachar | Latest News in Hindi Bhopal | Bhopal News In Hindi | Bhopal News Headlines | Bhopal Breaking News | Bhopal Khel Samachar | MP News Today