- 
             
दुनिया
- 
                                                 
सांची विश्वविद्यालय में चित्रकला प्रतियोगिता
 - 
                                                 
उज़्बेकिस्तान में कोकन अंतर्राष्ट्रीय हस्तशिल्प महोत्सव में बाग प्रिंट कला का लहराया
 - 
                                                 
Bhopal की Bank अधिकारी की यूरोप में ऊंची चढ़ाई, माउंट Elbrus पर फहराया तिरंगा
 - 
                                                 
भोपाल के दो ज्वेलर्स ने बैंकों को गोल्ड लोन में लगाया 26 करोड़ का चूना, यूको बैंक की चार शाखा को ठगा
 - 
                                                 
UNO के आह्वान पर JAYS ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस, जल, जंगल और जमीन के प्रति जागरूक हुए आदिवासी
 
 - 
                                                 
 
नि:शुल्क उपलब्ध है कुष्ठ रोग की दवा
दवाओं की उपलब्धता के कारण अब कुष्ठ रोग का निदान संभव है। कुष्ठ रोग का निवारण करने वाली एम.डी.टी. (मल्टी ड्रग थैरेपी) दवा प्रदेश की सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थओं में नि:शुल्क उपलब्ध है। एम.डी.टी. से कुष्ठ रोग मिटने के साथ विकृति की संभावना भी समाप्तप्राय हो जाती है। दवा रिफेम्पिसिन दवा से कुष्ठ रोगाणु मात्र एक सप्ताह की अवधि में ही भर जाते हैं। एम.डी.टी. दवा का सेवन करने वाले व्यक्ति से दूसरों को रोग फैलने की संभावना नहीं होती है। संचालक डॉ. बी.एन. चौहान ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि जन सामान्य में कुष्ठ रोग से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिये राज्य शासन द्वारा महात्मा गाँधी की पुण्य तिथि 31 जनवरी से 13 फरवरी 2018 तक पूरे प्रदेश में कुष्ठ निवारण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसमें रेडियो, टीवी, वार्ता और विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को कुष्ठ रोग के कारण और निवारण की जानकारी दी जा रही है। डॉ. चौहान ने बताया कि कुष्ठ रोग का संक्रमण काल 2 से 5 वर्ष तक होता है। अर्थात् रोगाणुओं के शरीर में प्रवेश के बाद लक्षण प्रकट होने में 2 से 5 वर्ष तक का समय लग जाता है। यह छूने से फैलने वाला रोग नहीं है। समाज में कुष्ठ रोगी से बनाई जाने वाली दूरी अनुचित है। समाज में 98 प्रतिशत लोगों में कुष्ठ से लड़ने की प्रतिरोधात्मक शक्ति पहले से ही होती है। इस लिये कुष्ठ रोगी के सम्पर्क में रहने से रोग होने की संभावना क्षीण हो जाती है। कुष्ठ रोग से होने वाली विकृतियां समय पर इलाज न होने के कारण होती हैं। शुरू में कुष्ठ केवल चमड़ी पर दान-धब्बे के रूप में प्रकट होता है। तुरंत इलाल शुरू करने पर इससे आसानी से काबू किया जा सकता है।




Leave a Reply