मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की 5 दिवसीय जापान यात्रा आज परमाणु बम से मृतकों की स्मृति में बने हिरोशिमा पीस मेमोरियल में श्रद्धांजलि के साथ पूरी हुई। मुख्यमंत्री ने पिछले 5 दिन में जापान के प्रमुख संस्था के प्रतिनिधियों से मिलकर मध्यप्रदेश के विकास को लेकर महत्वपूर्ण चर्चाएँ की। इस दौरान लगभग 15 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव भी मुख्यमंत्री को मिले।
पहला दिन
श्री चौहान ने 29 सितम्बर को जापान के अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के पदाधिकारियों से भेंट कर प्रदेश के बुनियादी ढाँचे में 15 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किये। यह निवेश प्रदेश में ऊर्जा, ग्रामीण पेयजल, मेट्रो रेल परियोजना और जापानी औद्योगिक बस्ती स्थापना पर होगा। श्री चौहान से जेआईसीए के उपाध्यक्ष श्री हाईडेकी डोमिची ने भेंट की। इनसे भोपाल-इंदौर के लिये मेट्रो रेल, ऊर्जा क्षेत्र में विद्युत पारेषण और ग्रामीण पेजयल परियोजनाओं में निवेश पर सहमति बनी।
श्री चौहान की उपस्थिति में जापान एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के पदाधिकारियों के साथ प्रदेश जापानी औद्योगिक टाउन-शिप बसाने की परियोजना पर मेमोरेण्डम ऑफ को-ऑपरेशन हस्ताक्षरित किया गया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान के टोक्यो प्रवास पर जापान बैंक ऑफ इंटरनेशनल को-ऑपरेशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने भी भेंट की।
श्री चौहान से जापान की अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जायका) की भोपाल-इंदौर के बीच रेलवे लाइन बिछाने पर भी चर्चा हुई। रेलवे लाइन पर 12 हजार करोड़ की लागत आयेगी। जायका शीघ्र ही इस परियोजना के अध्ययन के लिये अपना तकनीकी दल मध्यप्रदेश भेजेगा। जायका से मुख्यमंत्री की कम लागत की आवास इकाइयों के निर्माण और स्मार्ट-सिटी के विकास में सहयोग की संभावना पर भी चर्चा हुई। जायका ने मध्यप्रदेश-ट्रांस मिशन सिस्टम ऑर्गेनाइजेशन परियोजना के लिये 1038 करोड़ की ऋण सहायता स्वीकृत की है। इस परियोजना से विद्युत प्रदाय व्यवस्था और वितरण में सुधार आयेगा। जायका के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को कृषि क्षेत्र में मध्यप्रदेश की अभूतपूर्व प्रगति के लिये भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में सोयाबीन का उत्पादन बढ़ाने में भी जायका सहयोग देने के लिये तैयार है। श्री चौहान ने ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल प्रदाय और राष्ट्रीय उद्यानों में पर्यटन विकास की परियोजनाओं पर चर्चा की। ग्रामीण पेयजल परियोजना से 10 लाख ग्रामीण लोगों को नल-जल व्यवस्था के जरिये पेयजल मिलेगा।
Leave a Reply