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निलंबित IPS पुरुषोत्तम शर्मा की बहाली, अब PHQ में बिना जिम्मेदारी वाले SP.DG बनाए गए

मध्य प्रदेश कैडर के निलंबित आईपीएस अधिकारी पुरुषोत्तम शर्मा को कैट के बाद हाईकोर्ट से भी राहत मिल गई है। दो साल से निलंबन काट रहे शर्मा के खिलाफ अब राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट जा रही है लेकिन कैट व हाईकोर्ट से हारने की वजह से फिलहाल उसे उन्हें बहाल करना पड़ा है। हालांकि गृह विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक शर्मा को पुलिस मुख्यालय में बिना जिम्मेदारी वाला विशेष पुलिस महानिदेशक बनाया गया है।
पुरुषोत्तम शर्मा 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और मौजूदा पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना के बाद वे ही सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं। शर्मा 2018 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार बनने के बाद काफी ताकतवर पुलिस अफसर बन गए थे। मगर उसी बीच चर्चित हनीट्रेप कांड में वे विवादों में घिर गए और तत्कालीन डीजीपी विजय कुमार सिंह से उनकी पटरी बैठ नहीं पाई। इन विवादों के साथ ही तत्कालीन मुख्य सचिव सुधीरंजन मोहंती से उनकी नजदीकी की वजह से पुलिस मुख्यालय में उनके कुछ साथी आईपीएस अधिकारियों से उनके संबंध में कड़वाहट भी आई थी।
सरकार पलटी तो शर्मा के बुरे दिन शुरू हुए
2020 में अचानक कमलनाथ सरकार संकट में आ गई और पुरुषोत्तम शर्मा के भी बुरे दिनों की उसी दौरान शुरुआत हो गई। कोरोना महामारी के दौरान नवंबर 2020 में उनका पारिवारिक झगड़ा सोशल मीडिया पर आ गया और सरकार ने उसे आधार बनाकर उन्हें 25 नवंबर 2020 को निलंबित कर दिया। इसके बाद उनका निलंबनकाल बढ़ाया जाता रहा लेकिन शर्मा उसके खिलाफ केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण जबलपुर में चले गए। वहां उनके पक्ष में पांच मई 2022 को फैसला आ गया लेकिन सरकार ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। राज्य सरकार को इस याचिका में सफलता नहीं मिली और 21 नवंबर 2022 को इसे खारिज कर दिया। याचिका खारिज होने के बाद अब राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर करने जा रही है लेकिन कैट के बाद हाईकोर्ट में हार की वजह से उसने पहले शर्मा की बहाली करने का फैसला किया। शुक्रवार को शर्मा की बहाली के आदेश जारी किए गए हैं।
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