भारत से विलुप्त चीता को नामीबिया के आठ चीता 50 साल बाद फिर आबाद करने जा रहे हैं। ये चीता नामीबिया से जिन बाक्स में लाए गए हैं, उनकी विशेषताएं काफी हैं। बाक्स ऐसे बनाए गए जिससे चीता को लंबे सफर में मूवमेंट करने में दिक्कत नहीं हो और उन्हें सफर का आभास नहीं हो।
चीता को पुनर्विस्थापन के लिए विशेष प्रकार के बाक्स तैयार किए गए जो पूरी तरह से लकड़ी है। उनमें बड़े छेद किए गए जिससे बाहर के दिन या रात का आभास होता रहे। ये हवादार बाक्स लकड़ी के पटिये जोड़कर तैयार किए गए और उनमें किलों का उपयोग बाहरी की तरफ से किया गया जिससे चीता को चोट नहीं लगे। भीतर चीता को नामीबियाई धरती की घास बिछाई गई जिससे उन्हें रात में अच्छी नींद भी आ सके और जब तक वे जागे तो भारत की धरती पर विमान उतर जाए। हर बाक्स को नंबर दिया गया जिसमें चीता के वजन और उसके नाम को लिखा गया जिससे उसकी पहचान में परेशानी नहीं हो।
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