चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव 2008 में पेड न्यूज की जानकारी नहीं देने पर दतिया के बीजेपी विधायक व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को तीन साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है। आयोग के इस फैसले से राजनीतिक गलियारों में कई तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं जिनमें उनके विधायक-मंत्री पद को खतरा बताया जा रहा है तो बीजेपी इस फैसले को 2008 के संदर्भ में बताया है। इससे डॉ. मिश्रा के 2013 चुनाव को अलग बताया जा रहा है जबकि बीजेपी के कुछ नेता आयोग के फैसले का स्वागत कर डॉ. मिश्रा के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
आयोग ने शुक्रवार को बहुजन समाज पार्टी के 2008 विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी राजेंद्र भारती की शिकायत पर डॉ.मिश्रा को लेकर फैसला सुनाया। भारती 2008 में बसपा से बीजेपी प्रत्याशी डॉ. मिश्रा के खिलाफ चुनाव लड़े थे और दूसरे नंबर पर रहे थे। चुनाव खर्चे के ब्योरे में नरोत्तम मिश्रा ने पेड न्यू का जिक्र नहीं किया था जिसको लेकर भारती ने आयोग में शिकायत की थी।
नरोत्तम मिश्रा ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी लेकिन वहां से मामला हाईकोर्ट आ गया था। हाईकोर्ट ने इसमें चुनाव आयोग जाने की बात कहते हुए हस्तक्षेप से मना कर दिया था। आयोग ने तमाम सुनवाई के बाद 23 जून को फैसला सुनाया जो 69 पेज का है।
इसको लेकर कांग्रेस-बीजेपी नेता अपने-अपने ढंग से मान रहे हैं तो विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा और सचिवालय के अफसर भी फिलहाल कोई टिप्पणी करने से बच रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक वे फैसले को देख नहीं लेते तब तक कुछ भी कहना संभव नहीं है। वहीं मिश्रा इसके खिलाफ हाईकोर्ट में जाने की बात कह रहे हैं।
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