नगरीय निकायों में जोनल अधिकारी तम्बाकू नियंत्रण के लिये नोडल अधिकारी

सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम- 2003 की धाराओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये नगरीय निकायों में जोनल अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामांकित किया गया है। आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास पी. नरहरि ने कहा है कि नोडल अधिकारी इस अधिनियम का पालन सुनिश्चित करेंगे।

नरहरि ने कहा कि नगरीय निकायों में संचालित तम्बाकू उत्पादों की दुकानों को दिये जाने वाले लायसेंस की शर्तों में तम्बाकू नियंत्रण की धारा-4, 5, 6 एवं 7 का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित करें। कोई भी तम्बाकू उत्पाद विक्रेता कोई भी अन्य सामग्री जैसे टॉफी, बिस्किट आदि का विक्रय नहीं कर सकेगा। ऐसा करने पर दुकान का लायसेंस निरस्त करने की कार्यवाही करें। पूर्व लायसेंसधारी वर्तमान में यदि होटल, बार, रेस्टारेंट में तम्बाकू नियंत्रण कानून (सीओटीपीए-2003) की धारा का उल्लंघन करता है, तो उचित वैधानिक कार्यवाही करें।

आयुक्त ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन में सुनिश्चित करें कि तम्बाकू नियंत्रण कानून की धारा-4, 5, 6, 7 का पूर्णत: पालन हो। स्मार्ट सिटी के सभी सार्वजनिक स्थल धूम्रपान-मुक्त हों। होटल, बार, रेस्टारेंट, कॉफी हाउस एवं अन्य खाने के स्थानों में अवैध रूप से संचालित हुक्का बार पर कार्यवाही करें। स्वच्छ भारत अभियान में भी तम्बाकू नियंत्रण गतिविधियों को शामिल करें।

अधिनियम की धाराओं के उल्लंघन पर जुर्माना

धारा-4 के अंतर्गत सभी सार्वजनिक स्थान जैसे शासकीय कार्यालय, मनोरंजन केन्द्र, पुस्तकालय, अस्पताल, स्टेडियम, होटल, शॉपिंग मॉल, निजी कार्यालय, रेस्टारेंट, बस-स्टॉप इत्यादि में धूम्रपान करने वालों पर 200 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। सभी सार्वजनिक स्थानों पर इस प्रावधान से संबंधित बोर्ड लगाने और तम्बाकू नियंत्रण कानून के उल्लंघन की सूचना देने के लिये शिकायत अधिकारी का नाम उल्लेखित किया जाये। धारा-5 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष विज्ञापनों पर पूर्णत: रोक है। इसके उल्लंघन की सूचना कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला-स्तरीय तम्बाकू नियंत्रण समिति को दी जाये। धारा-6 के अंतर्गत तम्बाकू उत्पादों की दुकानों पर नाबालिगों को तम्बाकू उत्पाद नहीं बेचे जायें। शैक्षणिक संस्थानों के 300 फीट के दायरे में तम्बाकू उत्पाद बेचने वाली कोई दुकान नहीं हो। इस संबंध में निर्धारित बोर्ड भी लगाये जायें। इस धारा का उल्लंघन करने पर 200 रुपये तक का अर्थदण्ड किया जा सकता है। धारा-7 के तहत प्रत्येक तम्बाकू उत्पाद पर चित्रात्मक स्वास्थ्य चेतावनी होना आवश्यक है। धारा-7 के उल्लंघन पर जुर्माने एवं कारावास का प्रावधान है।

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