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नई राशन दुकान आवंटन में महिलाओं को मिलेगी प्राथमिकता
राज्य शासन द्वारा प्रदेश में 5 हजार से अधिक नई राशन दुकानें खोलने की कार्यवाही की जा रही है। महिलाओं को राशन दुकान आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसे सभी स्थानों पर, जहाँ आबादी 800 परिवार से अधिक है, वहाँ नई राशन दुकान खोलने की कार्यवाही की जा रही है। यह जानकारी आज खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा श्रीमती लता वानखेड़े की अध्यक्षता में हुई नीतिगत बैठक मे दी गई। बैठक में आयोग की सदस्य श्रीमती गंगा उइके, श्रीमती अंजू सिंह बघेल, श्रीमती सूर्या चौहान, श्रीमती संध्या राय और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
श्रीमती वानखेड़े ने कहा कि जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी के माध्यम से आयोग गरीब महिलाओं को नि:शुल्क कानूनी सहायता सुनिश्चित करेगा। विधि एवं विधायी विभाग के सचिव ने बताया कि प्रत्येक जिले में जिला विधिक अधिकारी हैं जो आवेदन करने पर महिलाओं को सरकारी खर्च पर नि:शुल्क वकील उपलब्ध कराते हैं। भरण-पोषण के प्रकरणों में प्रदेश के कुटुंब न्यायालयों द्वारा काफी अच्छा काम किया जा रहा है। एक माह तक माँ-बच्चे को भरण-पोषण नहीं देने पर जेल की सजा का प्रावधान भी है। श्रीमती वानखेड़े ने उच्च शिक्षा विभाग को स्वशासी विद्यालयों में कार्यरत संविदा शिक्षिकाओं को चाइल्ड-केयर लीव संबंधी कार्यवाही शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश भी दिए।
महिला आयोग की अनुशंसा के पालन में महिला-बाल विकास विभाग ने बताया कि प्रदेश के सभी संभागों में कामकाजी महिलाओं के ठहरने के लिये वसति-गृह बनाने का काम चल रहा है। इसके अलावा 3 नए सुधार-गृह खोलने की भी कार्यवाही चल रही है। उन्होंने बताया कि देश में आँगनवाड़ी कार्यकर्ता का सर्वाधिक मानदेय मध्यप्रदेश में है। मध्यप्रदेश केन्द्रीय राशि 2 हजार रुपये के अतिरिक्त एक हजार रुपये अपनी तरफ से दे रहा है।
महिला आयोग ने अनुसूचित-जनजाति विभाग को कन्या छात्रावासों में रात के समय महिला अधीक्षक की अनिवार्य उपस्थिति और अधीक्षक का प्रत्येक 3 वर्ष में तबादला करने की अनुशंसा की। विभाग ने जानकारी दी कि महिला आयोग की अनुशंसा पर प्रत्येक कन्या छात्रावास में महिला चौकीदार की नियुक्ति के गत माह निर्देश जारी हो गये हैं। महिला आयोग ने प्रत्येक छात्रावास में सम्पूर्ण सुरक्षा, स्वच्छता और आवश्यक सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
सभी स्कूलों में होगा बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण
महिला आयोग की अनुशंसा पर स्कूल शिक्षा विभाग ने वर्ष में एक बार सभी स्कूलों में बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण करवाने का आदेश जारी कर दिया है। आयोग ने स्कूल शिक्षा विभाग से कहा था कि कई बार बच्चे अपनी समस्याओं का हल न पाकर अवसाद की स्थिति में आ जाते हैं और अपना नुकसान कर बैठते हैं। इस परिस्थिति से बच्चों को बचाने के लिये उनका मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण करवा कर उनके अच्छे भविष्य के लिये परामर्श दिया जाए। नगरीय प्रशासन विभाग ने बताया कि महिला आयोग की अनुशंसा पर सभी निजी महिला छात्रावासों को छात्र-छात्राओं की पूरी जानकारी निकट की पुलिस चौकी में दर्ज करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही, कहा गया है कि छात्रावास की गतिविधियों पर सतत निगरानी रखी जाए और असामाजिक गतिविधि पाए जाने पर उन्हें तत्काल बंद कर दिया जाए।
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