मध्य प्रदेश के मीडिया जगत की जाने मानी हस्ती और पत्रकारिता हमेशा जीने वाले व्यक्तित्व अभय छजलानी आज हमारे बीच नहीं रहा है। उनके समय तक नईदुनिया की विश्वसनीयता ऐसी थी जैसी किसी भी सरकार की राजपत्र की होती है। वे 89 वर्ष के थे और भारतीय प्रेस कौंसिल से लेकर मीडिया से जुड़ी देश की कई संस्थाओं के पदाधिकारी रहे। उनका आज शाम को इंदौर में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
मध्य प्रदेश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में शुमार रहे नईदुनिया संस्थान के संस्थापकों की दूसरी पीढ़ी के महान पत्रकार अभय छजलानी पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। अभयजी ने 1963 में जब कार्यकारी संपादक का पद संभाला था, तब से लेकर नईदुनिया समाचार पत्र के जागरण समूह के हाथों चले जाने तक प्रिंट मीडिया को अपनी आत्मा की तरह जिया था। वे सोते-उठते-बैठते हमेशा समाचार की दुनिया में रहते थे और हर दम केवल और केवल पत्रकारिता की चिंता करते थे।
अभय छजलानी प्रिंट मीडिया की पहचान बने
अभयजी एक तरह से प्रिंट मीडिया की पहचान बने थे। उन्हें भाषाई समाचार पत्रों की संस्था इलना का तीन बार बनने का सौभाग्य मिला तो इंडियन न्यूज पेपर सोसायटी (आईएनएस) के भी उपाध्य़क्ष रहे। इसके साथ ही अभयजी को भारतीय प्रेस कौंसिल में मनोनीत सदस्य भी बनाया गया था। उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया तो श्रीकांत वर्मा पुरस्कार, गणेश शंकर विद्यार्थी सद्भावना अवार्ड, जायंट्स इंटरनेशनल अवार्ड और इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी पुरस्कार जैसे सम्मान भी मिले। उनके नाम पर इंदौर में इंडोर खेलों के मैदान का नाम अभय प्रशाल दिया गया।
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