मध्य प्रदेश के राजगढ़ में 73 समाजों के प्रतिनिधियों को बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सनातन धर्म के व्यक्तियों द्वारा भगवान की निंदा करने पर उनके खिलाफ सामाजिक बहिष्कार का आव्हान किया है। शास्त्री यहां सामाजिक सद्भाव मंच में समाजों के प्रतिनिधियों की बैठक में जातीय व्यवस्था को लेकर विशेष चर्चा करने पहुंचे थे और इस मौके पर भगवान की निंदा करने वाले लोगों के खिलाफ समाज को एकसाथ खड़े होने का आव्हान किया।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने राजगढ़ के खिलचीपुर में 73 समाजों के प्रतिनिधियों के बीच कहा सनातन धर्म का जो व्यक्ति अपने भगवान की निंदा करे तो उसकी रोजी-रोटी बंद कर दें। भगवान की निंदा करने वाले व्यक्ति को इसके पहले उसके समाज के अध्यक्ष को उसे समझाना चाहिए। अगर वह नहीं समझे तो फिर सभी समाज के लोगों को उसे समझाना चाहिए। इसके बाद भी नहीं माने तो उसे हिंदू नहीं समझा जाए और जिस दिन उसकी रोजी-रोटी बंद हो जाएगी, वह ठिकाने लग जाएगा।
जातियों को एकसूत्र में पिरोने का प्रयास
शास्त्री ने इस बैठक के माध्यम से हिन्दू समाज की सभी जातियों को एक सूत्र में पिरोने का अनुपम प्रयास किया। सभी समाज प्रमुखों से आह्वान किया कि हम किसी भी जाति के प्रतिनिधि हो सकते हैं लेकिन सभी हिन्दू समाज को सद्भाव के साथ एकजुट करने की जिम्मेदारी हमारी है। यह बैठक हिन्दू समाज की एकता के लिए इतिहास बनेगी। विदेशी ताकतों, रुपयों के माध्यम से समाज में जातीय द्वेष फैलाया गया है।
अगड़े-पिछड़ों के भाव मिटाने का आव्हान
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि अगड़े पिछड़े के भाव मिटा दो। पहले जातिवाद नहीं था। महर्षि वाल्मीकि, संत नामदेव, संत रविदास इन्होंने समाज को एक किया समाज को जगाया। आज भी नई क्रांति लेकर जाना एकता के लिए समय दान देकर हिंदुओ को एक करना है। उन्होंने कहा कि षड्यंत्रकारी प्रायोजित ढंग से अगड़े–पिछड़े का जहर फैला रहे हैं।
लव जिहाद, रामचरित मानस को जलाना षड़यंत्र
शास्त्री ने कहा कि लव जिहाद, रामचरित मानस को जलाना, ये सब षड्यंत्र है। षड्यंत्र के शिकार होकर भगवान को बाहर निकाल रहे हैं। बाहरी लोग हमारी बहन–बेटियों को फंसा रहे हैं। पिछड़े समाज को मंचों पर खड़ा करेंगे। जातीय कट्टरता समाज के लिए घातक है। सबको मंदिर में दर्शन करने का अधिकार मिलना है। कुप्रथा को समाप्त करना है।
बैठक में यह लोग रहे उपस्थित
बैठक में 73 जातियों के प्रमुख लोगों एवं समाज के प्रतिनिधियों को पं शास्त्री के उद्बोधन हुए। बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत, विभाग, जिला एवं सामाजिक सद्भावना मंच के कई पदाधिकारियों के अलावा अनिल वाल्मीकि, रामबाबू खरे, जाटव ,अमृत जी बृजवासी,धर्मेंद्र नारोलिया, बालकृष्ण गुप्ता, पवन विजयवर्गीय, राजेंद्र जोशी, गोकुल वर्मा, जया जयसवाल, नम्रता विजयवर्गीय, राजेश्वरी शर्मा, मोना सुस्तानी, हजारी लाल दागी, उदय सिह चौहान नारायण सिंह पवार सहित विभिन्न समाजों के प्रमुखों के साथ ही संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं सह प्रांत संपर्क प्रमुख सुरेंद्र मिश्रा, सह प्रांत कार्यवाह हेमंत सेठिया, विभाग संघचालक लक्ष्मीनारायण चौहान और विभाग कार्यवाह धर्मेंद्र शर्मा उपस्थित रहे।
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