देशभर की विधानसभाओं के करीब 4300 विधायक एकसाथ मुंबई में जमा हो रहे हैं जहां तीन दिन तक वे सदन के भीतर कैसे सार्थक चर्चा हो, इस पर मंथन करेंगे। मध्य प्रदेश से अब तक 100 विधायकों ने इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अपनी सहमति दे दी है। पढ़िये क्या है कार्यक्रम।
नेशनल लेजिस्लेटर्स कांफ्रेंस (एनएलसी- राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन) का आयोजन पुणे की एमआईटी-एसओजी संस्थान द्वारा 15 से 17 जून के बीच मुंबई में किया जा रहा है जिसको लेकर संस्थान के प्रमुख पदाधिकारी सभी राज्यों की राजधानी में पहुंचकर इस बारे में विधानसभा अध्यक्षों से चर्चा कर पत्रकार वार्ता में कांफ्रेंस की जानकारी दे रहे हैं। भोपाल में आज मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के साथ संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारी राहुल कराड़ ने प्रेस कांफ्रेंस कर सम्मेलन के बारे में बताया।
कहां है आयोजन
मुंबई के अत्याधुनिक जियो वर्ल्ड कंवेंशन सेंटर में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में अब तक लगभग 1800 विधायकों ने सहमति दे दी है जिनमें मध्य प्रदेश के 100 एमएलए भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इस तरह का आयोजन देश में पहली बार हो रहा है। इसमें विधायकों को भावनात्मक रूप से जोड़ने के प्रयास भी किया जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष गौतम ने कहा कि देश में वर्ष 1952 में हुए पहले आम चुनाव में मतदाताओं की संख्या लगभग 17 करोड़ थी और उनमें से 10 करोड़ से अधिक ने मतदान किया था। वर्तमान समय में बेहतर साक्षरता और तमाम जागरुकता कार्यक्रमों के बावजूद मतदान प्रतिशत औसतन 65 से 70 प्रतिशत के आसपास रहता है।
राजनीति में मतभेद हो सकते हैं मनभेद नहीं
गौतम ने कहा कि राजनीति में नेताओं के बीच मतभेद हो सकते हैं लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए। इसी मूल मंत्र के आधार पर सम्मेलन में भी शामिल होने वाले विधायक अपने अनुभव और विचार खुलकर रख सकेंगे। सवाल के जवाब में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मौजूदा स्थितियों के मद्देनजर विधायकों को पर्याप्त स्टाफ मुहैया कराने के वे पक्षधर हैं और इस मुद्दे पर भी इस सम्मेलन के दौरान चर्चा होना चाहिए।
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