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दागदार IAS अधिकारी भटनागर, मंत्रालय की लापरवाही, CM की घोषणा के बाद अवकाश पर नहीं लिया तुरंत फैसला

दो महीने पहले मास्टर प्लान से छेड़छाड़ और भूमि उपयोग परिवर्तन के मामले में फंसे आईएएस अधिकारी तरुण भटनागर के मामले में एकबार फिर राज्य मंत्रालय की लापरवाही सामने आई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद यहां पहुंचे अवकाश के आवेदन पर फैसला लेने में दो दिन लगा दिए और संभागीय कमिश्नर से समन्वय भी नहीं बनाया। हालात यह बन गए कि निवाड़ी जिले के कलेक्टर के लिए दो दिन में दो प्रभारी के आदेश जारी हो गए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंच से कलेक्टर तरुण भटनागर को हटाए जाने का ऐलान करने के बाद राज्य मंत्रालय के सामान्य प्रशासन विभाग को सजग होकर काम करना था। भटनागर ने जिले से हटाए जाने के बाद जिन लोगों से भी सलाह मशविरा किया हो लेकिन उन्होंने अर्जित अवकाश की सूचना जीएडी को दे दी थी। मंत्रालय से इसकी सूचना तो सागर संभाग को भेज दी गई लेकिन नए कलेक्टर या अस्थाई व्यवस्था के लिए संभाग के किसी अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार देने के लिए उचित समन्वय नहीं बनाया। नतीजा यह हुआ कि सागर संभाग के आयुक्त मुकेश शुक्ल ने भटनागर की जगह अस्थाई रूप से टीकमगढ़ जिला पंचायत के सीईओ सिद्धार्थ जैन को अतिरिक्त प्रभार देने के आदेश 28 दिसंबर को जारी कर दिए। इसकी सूचना प्रमुख सचिव कार्मिक जीएडी, कलेक्टर टीकमगढ़ व दोनों संबंधित अधिकारियों को दी। इस बीच तरुण भटनागर के स्थान पर नए कलेक्टर के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने चुनाव आयोग से अनुमति की कार्रवाई शुरू की और दूसरे दिन नए कलेक्टर के रूप में अरुण कुमार विश्वकर्मा अपर कलेक्टर डिंडौरी की पदस्थापना के आदेश जारी किए। इस तरह 24 घंटे में निवाड़ी जिले को दो कलेक्टर मिले।
एफआईआर के बाद सम्मान देने में भी हो चुकी लापरवाही
गौरतलब है कि तरुण भटनागर के खिलाफ लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आईपीएस का अपराध दर्ज होने के दो सप्ताह बाद ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हाथों सम्मानित किए जाने में इसी तरह की लापरवाही हो चुकी है। दो महीने में भटनागर लगातार दूसरी बार जमीन घोटाले के आरोपों में फंस चुके हैं।
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