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दर्शनीय और पुण्य-स्मरण स्थली है शौर्य स्मारक
भारतीय सेना भारतवासियों को देश की सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था का विश्वास है, सैन्य सेवा महज नौकरी अथवा पारिवारिक आय का श्रोत नहीं है। देश प्रेम, अनुशासन, पराक्रम और बलिदान का रूप ही सेना है। लेफ्टिनेंट जनरल मिलन नायडू ने यह बात केप्टन श्रेयांस कुमार गांधी की पुण्यतिथि पर कही। उन्होंने शौर्य स्मारक की उपलब्धि पर राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए इसे सैन्य कार्मिकों के दर्शनीय और शहीदों की पुण्य-स्मरण स्थली बताया।
शहीद केप्टन श्रेयांस गांधी पर उनके बाल्य अवस्था से वीरगति तक के लगभग 26 वर्ष के जीवन पर 25 मिनिट की वीरगाथा डॉ. विजय लक्ष्मी विनायक ने तैयार की थी। इसका प्रदर्शन कार्यक्रम में किया गया। शिक्षा, वाल्यावस्था एनसीसी और सैन्य सेवा से जुड़ी श्रेयांस की स्मृतियों को इस वीरगाथा में प्रदर्शित किया गया है। ‘मेरे दिल में जैसे हिन्दुस्तान है, वैसे मैं, लोगों के दिल में रहूँ’ इस संस्मरण ने जन-समुदाय की आँखें नम कर दी। उल्लेखनीय है कि 53 इंजीनियर रेजिमेंट में केप्टन श्रेयांस गाँधी सेवारत थे। इसी रेजीमेंट में पदस्थ रह चुके बिग्रेडियर मलिक ने भी श्रेयांस से जुड़ी यादें साझा की। कार्यक्रम में शहीद केप्टन श्रेयांस गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित कर पुण्य-स्मरण किया गया।
कार्यक्रम का संचालन कर्नल एस.सी. दीक्षित और आभार प्रदर्शन कर्नल डी.सी. गोयल जिला सैनिक कल्याण अधिकारी भोपाल ने किया। मेजर जनरल एस.आर. सिन्हों, मेजर जनरल कोन्डल, एयर वाइस मार्शल श्री ए.व्ही. पेठिया, मेजर जनरल अशोक कुमार, बिग्रेडियर आर. विनायक, कर्नल एस. कुमार ले. कर्नल आर.के. बाबा, गिरिजेश सक्सेना, आर.एस.वी. रणनवरे और नागरिक उपस्थित थे।
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