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दर्जनों पहिये वाले ट्राले से टूटे 145 साल पुराने पुल को सेना ने फिर बनाया

भोपाल-नागपुर नेशनल हाइवे पर कुछ महीने पहले कई दर्जन पहियों वाले ट्राले के गुजरने से सुखतवा नदी पर 145 साल पुराना पुल बीच से टूट गया था जिसे भारतीय सेना के इंजीनियरों ने दोबारा बना दिया है। केवल छह दिन में सेना के इंजीनियरों ने पुल को पूरा किया। भारतीय सेना की दक्षिणी कमान ने यह बेली ब्रिज बनाया है।
दक्षिणी कमान के सुदर्शन चक्र कोर के भारतीय सेना के इंजीनियरों ने आज छह दिनों के रिकॉर्ड समय में मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में सुखतवा नदी पर यह बेली ब्रिज का बनाया है। जीओसी, पीएमपी सब एरिया द्वारा ब्रिज को नागरिक प्रशासन को सौंप दिया गया। नागरिक गणमान्य व्यक्तियों सहित विधायक प्रेम शंकर वर्मा, डीएम नीरज कुमार, एसडीएम मदन रघुवंशी, आरके गुप्ता NHAI परियोजना निदेशक, अखिल सोनी NHAI प्रबंधक टेक भी समारोह में शामिल हुए। पुल निर्माण का काम 26 अगस्त 2022 को शुरू हुआ था।
भोपाल-नागपुर की कनेक्टिविटी फिर सामान्य होगी
बेली ब्रिज के निर्माण ने मध्य प्रदेश में NH 46 पर नागपुर-भोपाल कॉरिडोर पर दिन-रात कनेक्टिविटी और महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधियों की बहाली सुनिश्चित की है। इससे भी बड़ी बात यह है कि इससे नर्मदापुरम जिले के लोगों को राहत मिली है, जिनका दैनिक जीवन काफी प्रभावित हुआ था क्योंकि भारी मानसून के कारण वे नियमित रूप से कट जाते थे।
साढ़े तीन मीटर चौड़ा व 90 फीट लंबा है यह बेली ब्रिज
नर्मदापुरम जिले का यह बेली ब्रिज 3.5 मीटर चौड़ा और 90 फीट लंबा सिंगल लेन बेली ब्रिज है जो भारी ट्रैफिक को बनाए रखने में सक्षम है। यह पहली बार है कि मध्य प्रदेश के किसी राज्य में भारतीय सेना ने इस प्रकार का एक पुल बनाया है जो अपने आप में एक उपलब्धि है। इस पुल के निर्माण में प्रतिकूल मौसम की स्थिति, समय और स्वयं पुल स्थल सहित कई चुनौतियाँ थीं। हालांकि इसके बावजूद दक्षिणी कॉमड ने बेली ब्रिज का समय पर निर्माण सुनिश्चित किया और 6 दिनों के रिकॉर्ड समय में पूरा किया। एनएचएआई और नागरिक प्रशासन ने योजना और निर्माण चरण के दौरान हर तरह की सहायता प्रदान की।
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