दक्षिण अफ्रीका से लाई गई फीमेल चीता दक्षा की आज दोपहर में मौत हो गई। दक्षा को मेल चीते से मिलाप के लिए एक मई को गेट खोला गया था, मगर इसके आठ दिन बाद आज दक्षा को घायल हालत में देखा गया। उसकी कुछ देर बाद ही मौत हो गई। दक्षा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से उसकी मौत के कारणों का खुलासा हो सकेगा।
श्योपुर के पालपुर कूनो राष्ट्रीय उद्यान में दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए चीतों को निगरानी में रखा जा रहा है। इनमें से एक फीमेल चीता दक्षा को बाड़े में छोड़ा गया और उसके साथ दूसरे बाड़े में दो मेल चीता वायु और अग्नि थे। इनमें से मेल चीता वायु और दक्षा को मिलाने का फैसला किया गया जिन्हें एक मई को उनके बाड़ों के बीच के गेट को खोलकर छोड़ा गया।
पूर्वान्ह घायल मिली, दोपहर में मौत
बताया जाता है कि दक्षा को एक मई को वायु के साथ मिलने को छोड़े जाने के बाद निगरानी की जा रही थी और आज जब उसे पूर्वान्ह करीब साढ़े दस बजे देखा गया तो वह घायल हालत में दिखी। इसके बाद उसका उपचार शुरू किया गया लेकिन दोपहर बारह बजे दक्षा की मौत हो गई। उसके शरीर पर जो चोटें पाईं, वह मिलाप के दौरान वायु के हमले की प्रतीत हो रही हैं। गौरतलब है कि दक्षा को मिलाकर अब तक नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से आए तीन चीतों की मौत हो चुकी है जबकि एक फीमेल चीते ने भारत में आने के बाद चार शावकों को जन्म दिया है। इस तरह अभी श्यापुर पालपुर कूनो में 21 चीते मौजूद हैं।
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