दक्षिण अफ्रीका से भारतीय वायुसेना विमान चीतों को लेकर रवाना, अब हर साल 10 से 12 चीते लाए जाएंगे

52 साल पहले जो चीते भारत से लुप्त हो गए थे अब उनका परिवार बढ़ने लगा है। पांच महीने पहले नामीबिया से आठ चीतों को लाए जाने के बाद आज सुबह दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीतों को भारत लाने के लिए भारतीय वायुसेना का विमान वहां से उड़ चुका है। यह 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीकी चीतों को लेकर भारत लेकर पहुंचेगा।

साउथ अफ्रीका से 12 चीते महाशिवरात्रि वाले दिन यानी 18 फरवरी को भारत आएंगे। इन्हें मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रखा जाएगा। चीतों को लाने के लिए वायु सेना का विशेष विमान सी-17 ग्लोबमास्टर गुरुवार सुबह रवाना हुआ। यह विमान 17 फरवरी की रात 8 बजे दक्षिण अफ्रीका से उड़ान भरकर 18 फरवरी को सुबह 10 बजे ग्वालियर एयरपोर्ट पर उतरेगा। चीतों के साथ उसी विमान से वेटरनरी डॉक्टर और विशेषज्ञ डॉक्टर लारेल भी आएंगी। रक्षा मंत्रालय और वायु सेना ने साउथ अफ्रीका से चीतों को लाने के लिए पर्यावरण मंत्रालय से किसी भी तरह की फीस नहीं ली है।
हर साल 10 से 12 चीते भारत लाए जाएंगे
केंद्रीय वन पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भारतीय वायुसेना का (आईएएफ) का एक सी-17 विमान दक्षिण अफ्रीका से इन चीतों को लाने के लिए बृहस्पतिवार सुबह रवाना हुआ। इन चीतों को पृथक-वास में रखने के लिए कुनो राष्ट्रीय उद्यान में 10 पृथक बाड़े बनाए गए हैं।’’ पर्यावरण मंत्रालय ने कहा, ‘‘फरवरी में इन 12 चीतों के आने के बाद अगले आठ से 10 साल में सालाना 12 चीतों को देश में लाने की योजना है। समझौता ज्ञापन की शर्तों की प्रासंगिकता सुनिश्चित करने के लिए हर पांच साल में इसकी समीक्षा की जाएगी।’’
दक्षिण अफ्रीका से ग्वालियर और फिर कुनो पहुंते चीते
ये चीते मध्य प्रदेश में ग्वालियर वायु सेना अड्डे पर शनिवार को सुबह 10 बजे पहुंचेगे और इसके बाद उन्हें वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर से ले जाया जाएगा। यादव ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में तीन चीतों को क्वाजुलु-नटाल प्रांत में फिंडा पृथक-वास ‘बोमा’ में और नौ चीतों को लिम्पोपो प्रांत में रूइबर्ग पृथक-वास ‘बोमा’में रखा गया है।विमान की लैंडिंग के वक्त मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ग्वालियर एयरपोर्ट पर मौजूद रहेंगे। इस बार साउथ अफ्रीका से 7 नर और पांच मादा चीते लाए जाएंगे। अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत 1 महीने तक इन चीतों को कूनो नेशनल पार्क में क्वारंटाइन में रहना होगा। भारत और दक्षिण अफ्रीका में हुए समझौते के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका से हर साल 10 से 12 चीते अगले 10 सालों तक देश में लाए जाएंगे, ताकि कूनो नेशनल पार्क में इनकी पर्याप्त संख्या हो सके।

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