शायद, अतीक की अंत की कहानी 25 जनवरी 2005 की घटना में उमेश पाल की गवाह से लिखी गई। उत्तरप्रदेश का गैंगस्टर अतीक अहमद तांगे वाले का बेटा था। तंगहाली में बचपन बीतने के कारण वह अपराधी बना और वहां से राजनीति में उतरकर अपराधी की दुनिया में भी गतिविधियां जारी रखकर गैंगस्टर बन गया। आज उसका 60 साल की उम्र में गोली से ही अंत हुआ लेकिन पुलिस की गोली नहीं बल्कि मीडिया की भीड़ में छिपे उसके विरोधी विचारधारा के लोगों ने उसका खात्मा किया। पढ़िये क्या था अतीक और उसके परिवार का बैकग्राउंड।
अतीक अहमद 1962 में एक तांगे वाले फिरोज अहमद के घर जन्मा जिसके पांच बच्चे थे। तांगेवाली की कमाई ज्यादा नहीं थी तो अतीक का बचपन तंगहाली में गुजरा और उसके कार वह अपराध के रास्ते में चल पड़ा। 1979 में उसके खिलाफ पहला अपराधिक प्रकरण दर्ज हुआ था। इसके बाद हत्या, लूट, अपहरण और रंगदारी के केस लगते गए और 101 अपराधों में एफआईआर दर्ज हुई। इनमें अभी भी करीब 50 मामले अदालतों में चल रहे हैं। 18 साल पहले की घटना ने पहुंचाया जेल, हो गया अंत अतीक के अंत की कहानी करीब 18 साल पहले 25 जनवरी 2005 में उस समय लिखी गई थी जब राजू पाल पर अतीक अहमद ने जबरदस्त फायरिंग करते हुए उसकी जान ले ली थी। उसमें मुख्य गवाह राजू पाल का दोस्त उमेश पाल था जिसे बाद में धमकियां दी गईं, केस से हटाने के लिए दबाव बनाया गया। जब वह नहीं हटा तो उसे भी हटा दिया गया। इस मामले में अतीक अहमद की गिरफ्तारी हुई और आज उसका वैसे ही गोलियों से अंत भी हो गया। तांगेवाले का बेटा हजारों करोड़ का मालिक कैसे बना यूपी का गैंगस्टर अतीक ने अपराध की दुनिया में कदम रखने के करीब दस साल बाद राजनीति के रास्ते से संरक्षण हासिल किया। तांगेवाली की संतान अतीक अपराध और राजनीति के रास्ते हजारों करोड़ रुपए की संपत्ति का मालिक बन गया। पहली बार वह 1989 में विधानसभा के लिए चुना गया। इस तरह वह पांच बार विधायक और एक बार फूलपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी से लोकसभा सदस्य भी चुना गया। विधानसभा में पहुंचाने के लिए एक बार वह निर्दलीय चुनाव लड़ा और उसके खिलाफ समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी ने अपना कोई प्रत्याशी ही नहीं उतारा था। एक बार वह अपना दल क्षेत्रीय पार्टी से विधायक चुनकर गया और उस पार्टी ने उसे अपना प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया था। आज उसका परिवार जेल और फरारी काट रहा अतीक का पूरा परिवार उसके अपराध की सजा काट रहा है क्योंकि कई लोगों ने उसने अपने साथ अपराध में शामिल कर लिया था। उसका और उसके बेटे असद व भाई अशरफ का तो अंत हो गया लेकिन उसकी पत्नी शाइस्ता- बेटी व बहन आयशा फरार बताई जा रही है। बेटा उमर व अली, जीजा डॉ. अखलाक जेल में हैं। दो नाबालिक बेटे बाल सुधार गृहों में हैं।
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