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डिजिटल क्राइम की चुनौती सायबर क्राइम इनवेस्टिगेशन एंड इंटेलीजैंस समित सार्थक प्रयास, न्यायाधीश शाही ने कहा
देश और विदेश के ख्यातनाम सायबर अपराध और कानून विशेषज्ञ भोपाल में दस दिन तक विचार-विमर्श करेंगे। इसके पहले उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के डायरेक्टर न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप शाही ने कहा कि डिजिटल क्राइम की चुनौती का सामना सायबर क्राइम इनवेस्टीगेशन और इंटेलीजैंस समिट (सीआईआईएस) के सार्थक प्रयास से किया जा सकता है।
सायबर क्राइम एंड इन्वेस्टिगेशन समिट ”सीआईआईएस-2022” का शुभारंभ आज सोमवार 12 सितंबर को आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी भोपाल के स्वर्ण जयंती सभागार में राष्ट्रीय न्यायायिक अकादमी के डायरेक्ट न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप शाही के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि न्यायाधीश शाही ने कहा कि अब हम तेल युद्ध या सैन्य युद्ध युग में नहीं जा रहे हैं बल्कि यह युग डिजीटल वॉरफेयर का है। इस डिजीटल युद्ध को कोई भी तब तक नहीं रोक सकता जब तक कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल अपराध के इस खतरे के विरूद्ध सर्वसहमति न हो। उन्होंने कहा कि हम सभी को सजग होकर डिजिटल वर्ल्ड की इन चुनौतियों का सामना करना होगा। इस चुनौति का सामना करने के लिए सघन प्रशिक्षण पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र से ही प्रारंभ होना चाहिए। इस दिशा में सीआईआईएस एक सार्थक प्रयास है।
सायबर अपराध खतरनाक दर से बढ़ रहा
पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि सीआईआईएस-2022 भारत और विदेशों के प्रख्यात सायबर अपराध तथा सायबर कानून विशेषज्ञों, इंटरपोल, न्यायपालिका, विधायिका, कार्यपालिका, उद्योग, सामाजिक संगठनों और शिक्षाविदों जैसे अंतर्राष्ट्रीय कानून संस्थानों के डोमेन विशेषज्ञों को दस दिनों तक गहन विचार-विमर्श तथा गंभीर चर्चाओं के लिए एक साथ ला रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में सायबर अपराध खतरनाक दर से बढ़ रहे हैं। इस वर्ष जून 2022 तक 6 लाख 74 हजार से अधिक सायबर सुरक्षा अटैक दर्ज किए गए हैं अर्थात 3700 सायबर अटैक प्रतिदिन। सायबर अपराधों में पिछले 6 वर्षों में 430 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी है। कोविड महामारी के समय सायबर अपराधों विशेषकर ऑनलाईन धोखाधड़ी, डेटा दुरूपयोग और रैम्सवेयर अटैक ने भी महामारी का रूप ले लिया था।
सायबर क्राइम से निपटने कंधे से कंधा मिलाकर काम करना होगा
डीजीपी सक्सेना ने कहा कि भारत सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन को साकार करने के लिए वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए डिजिटल गोपनीयता कानूनों सहित सायबर कानूनों के वैश्विक मानकों के निर्माण की दिशा में निरंतर कार्यरत है। वर्तमान में इंटरनेट ज्ञान और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का महत्वपूर्ण साधन है। सीआईआईएस जैसे आयोजनों का उद्देश्य है कि आधुनिक युग का यह उपहार सभी के लिए विशेषत: महिलाओं और बच्चों के लिए सदैव सुलभ और सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि सायबर क्राइम से निपटने के लिए सभी को कंधे से कंधा मिलाकर काम करना होगा।
सीआईआईएस-2022 के आयोजन के लिए मध्यप्रदेश पुलिस को बधाई
यूनिसेफ मध्यप्रदेश चीफ मिस मार्गरेट ग्वाड़ा ने कहा कि सीआईआईएस-2022 के आयोजन के लिए मध्यप्रदेश सरकार विशेषत: मध्यप्रदेश पुलिस को हार्दिक बधाई। उन्होंने कहा कि इस कार्य में भागीदारी निभाना यूनिसेफ के लिए गर्व का विषय है। सुश्री मार्गरेट ने कहा कि हम शिक्षा मंत्रालय से बच्चों को इंटरनेट उपयोग के स्वस्थ्य तरीकों तथा सायबर स्पेस में उचित ढंग से इंटरएक्ट करने का तरीका सिखाए जाने की अपेक्षा करते हैं।
समिट हाईब्रिड मॉड में आयोजित
मध्यप्रदेश सायबर पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक योगेश देशमुख ने स्वागत भाषण में इस दस दिवसीय समिट पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि इस बार यह समिट हाईब्रिड मॉड में आयोजित की जा रही है। कार्यक्रम के सहआयोजक क्लीयरट्रेल के प्रमुख जितेन्द्र वर्मा तथा सॉफ्ट क्लिक्स के प्रतिनिधि राकेश जैन ने भी संबोधित किया। आभार प्रदर्शन पुलिस उप महानिरीक्षक सायबर पुलिस निरंजन वायंगणकर ने किया। समिट के प्रथम दिवस प्रतिभागियों को सीबीआई के पूर्व निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने ”डाटा प्रायवेसी इन इंडिया, इश्यु एंड चेलेन्जेस” तथा एडव्होकेट सुहान मुखर्जी ने ”द लीगल इम्प्लीकेशन्स ऑफ डाटा प्रायेवेसी, वायलेशनस्, रूल्स एण्ड रेग्यूलेशन इन इण्डिया एण्ड इट्स फ्यूचर इन क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम” विषय पर मार्गदर्शन दिया। शुभांरभ समारोह में विशेष पुलिस महानिदेशक अजय कुमार शर्मा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जी जर्नादन, विजय कटारिया, के.टी.वाइफे, श्रीमती अनुराधा शंकर, चंचल शेखर, पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्कर सहित कई अन्य अधिकारी भी शामिल हुए।
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