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ज्वेलरी खरीदने के पहले ज्वेलर का तराजू जरूर जांच लें, नापतौल की जांच में गड़बड़ियां मिलीं

त्योहार का सीजन है और इन दिनों ज्वेलर्स पर सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ रही है लेकिन आप जब भी ज्वेलरी खरीदें तो ज्वेलर का तराजू अवश्य देख लें। मध्य प्रदेश के 25 फीसदी ज्वेलर्स के तराजू सत्यापित नहीं हैं जिससे ज्वेलर कम वजन की ज्वेलरी आपको ज्यादा बताकर ठग सकता है। भोपाल के सजावट, अनुश्री से लेकर इंदौर के रिलायंस और डीबी ज्वेलर्स तक के तराजू असत्यापित पाए जाने से ग्राहकों के साथ यहां ठगी की आशंका बनी है।
नापतौल नियंत्रक कार्यालय द्वारा इन दिनों ज्वेलर्स के नापतौल के तराजू की जांच का अभियान चला रहा है। नापतौल निरीक्षक राजेश पिल्लई ने बताया कि अभियान में आज तक 749 ज्वेलर्स की जांच की जा चुकी है। इनमें से 187 ज्वेलर्स के तराजू असत्यापित पाए गए हैं। इससे यह आशंका बनी है कि 187 ज्वेलर्स के यहां ग्राहकों को कम वजन की ज्वेलरी ज्यादा वजन की बताकर बेची जा रही थी। इनके खिलाफ नापतौल नियंत्रण कार्यालय के स्टाफ ने कार्रवाई की है। इनमें भोपाल के रोशनपुरा चौराहा स्थिति सजावट, अनुश्री ज्वेलर्स के नाम हैं तो इंदौर के रिलायंस और डीबी ज्वेलर्स भी बिना सत्यापित तराजू से ग्राहकों को बेची जाने वाली ज्वेलरी को तौलकर बेचते पाए गए।
ग्वालियर में सबसे ज्यादा असत्यापित तराजू
नापतौल नियंत्रक कार्यालय के अभियान में अब तक ग्वालियर में सबसे ज्यादा 27 ज्वेलर्स के यहां बिना सत्यापित तराजू पाए गए हैं। इस क्रम में जबलपुर और खंडवा में भी 25-25 ज्वेलर्स के यहां असत्यापित तराजू से ग्राहकों को ज्वेलरी तौल कर बेची जाती मिली। इसी तरह भोपाल में 16 तो इंदौर में 20 ज्वेलर्स ऐसी गड़बड़ी करते मिले हैं। रतलाम में 22, उज्जैन में 17 और सागर में भी 12 ज्वेलर्स के यहां असत्यापित तराजू पाए गए हैं। प्रदेश के अन्य जिलों छिंदवाड़ा में आठ, नर्मदापुरम में छह, शहडोल में चार, मुरैना में तीन और रीवा में दो ज्वेलर्स के यहां जो असत्यापित तराजू मिले उससे ग्राहकों को ज्वेलरी तौलकर बेची जा रही थी।
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