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जेल में सुधार नहीं प्रताड़नाएं, साबित हुआ नसरुल्लागंज के सहायक जेल अधीक्षक की रिश्वत से

जेलों में अपराधियों के मन को बदलकर अपराध से दूर करने और उन्हें विभिन्न हुनर सिखाने की बातें कहीं जाती हैं लेकिन राजधानी भोपाल से सटे सीहोर जिले के नसरुल्लागंज की जेल के एक सहायक जेल अधीक्षक ने जेल में बंद लोगों को प्रताड़ित नहीं करने व रिश्तेदारों-मित्रों से मुलाकात कराने को अतिरिक्त आय का माध्यम बना दिया। जेल में बंद लोगों को प्रताड़ित नहीं करने और मुलाकात कराने के नाम पर उसने धंधा बना लिया। लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना ने कार्रवाई कर जेलों में चल रहे इस धंधे के लिप्त एक अधिकारी को पकड़ाकर इसका पर्दाफाश किया है।
भोपाल के जेल मुख्यालय से 100 किलोमीटर की दूरी पर सीहोर जिले का नसरुल्लागंज है जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा भी है। यहां की जेल में सहायक जेल अधीक्षक महावीर सिंह पदस्थ है। उसके द्वारा जेल में बंद लोगों को प्रताड़ित नहीं करने के बदले उऩके रिश्तेदारों से रुपए लिए जाते थे और उनसे मुलाकात कराने के लिए भी राशि की मांग की जाती थी। इसी जेल में नसरुल्लागंज का अर्जुन का एक रिश्तेदार बंद था तो उसे सहायक जेल अधीक्षक ने प्रताड़ित करने से बचाने व उससे मुलाकात कराने के लिए अर्जुन व जेल में बंद व्यक्ति के परिवारजनों से 20 हजार रुपए की मांग की।
लोकायुक्त ने प्रहरी व द्वारपाल को चकमा दिया
अर्जुन की शिकायत के बाद लोकायुक्त की विशेष स्थापना पुलिस ने योजनाबद्ध ढंग से सहायक जेल अधीक्षक महावीर सिंह को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। डीएसपी सलिल शर्मा ने टीम के साथी घनश्याम मर्सकोले, आशीष भट्टाचार्य, मयूरी गौर के दबिश दी। टीम ने सहायक जेल अधीक्षक के प्रहरी व द्वारपाल को चकमा देकर महावीर को रिश्वत लेते हुए दबोच लिया।
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