एक जुलाई, 2016 को जवाहर लाल नेहरू पत्तन देश का कंटेनरों का लॉजिस्टिक डाटा चिन्ह्ति पहला बंदरगाह बन गया है। इस सुविधा से आयतक/निर्यातक लॉजिस्टिक डाटा बैंक सेवा के माध्यम से पारगमन में अपने सामान का पता लगा सकते हैं। प्रत्येक कंटेनर के साथ एक रेडियो फ्रीकवेंसी पहचान चिन्ह लगा होगा, जिसे विभिन्न स्थानों पर लगे रेडियो फ्रीकवेंसी पहचान चिन्ह रीडरों के माध्यम से पता लगाया जाएगा।
इस सुविधा से एक्जिम कंटेनरों की आवाजाही दिखेगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। इसमें रेल या सड़क मार्ग से पारगमन पर पूरे समय की निगरानी की जा सकेगी। यह निगरानी स्वदेशी कंटेनर डिपो और माल ढुलाई स्टेशन पहुंचने तक की जा सकेगी। इस सेवा से विभिन्न एजेंसियों को उपलब्ध सूचना एकीकृत होगी और वास्तविक समय पर सूचना मिलेगी। इससे पश्चिमी गलियारे में कंटेनर आवाजाही के समय में कमी होगी और कारोबारी लागत कम होगी।
जवाहर लाल नेहरू पत्तन द्वारा कारोबारी सहायता की दिशा में की गई यह पहल महत्वपूर्ण है। कारोबार के समय और लागत में कमी आएगी।
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