जयस का नया संयुक्त जयस संगठन, चुनाव पूर्व जयस की टूट को रोकने की पहल

मध्य प्रदेश में आदिवासी युवाओं के जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) के विधानसभा चुनाव के पहले टूटने की संभावनाओं को संगठन के पदाधिकारियों ने पहल कर रोकने की कोशिश की है। इसके लिए संगठन से जुड़े कई पदाधिकारियों की पहल पर धार के धामनोद ने एक गोपनीय बैठक हुई जिसमें 15 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा कर संयुक्त जयस संगठन को खड़ा किया गया। अब विधानसभा चुनाव 2023 में यह संगठन एकबार फिर विधानसभा चुनाव 2018 की तरह अपनी ताकत के सहारे राजनीतिक दलों के लिए आदिवासियों के हितों पर ध्यान देने का दबाव बनाएगा जो कुछ समय पहले तक इसके टूटने के आसार दिखाई देने से कमजोर दिखाई रहा था। आईए बताते हैं क्या हुआ गोपनीय बैठक में और कौन कौन महत्वपूर्ण आदिवासी युवा इसमें शामिल हुए।

जय आदिवासी युवा शक्ति मतलब जयस को लेकर आम आदिवासियों में यह धारणा रही है कि संगठन आदिवासियों के हितों की लड़ाई लड़ने में आगे रहता है। विधानसभा चुनाव में उसने अपनी ताकत भी दिखाई थी और इसके सहारे राजनीतिक प्रतिनिधित्व प्राप्त करने में उसे कामयाबी भी मिली थी। यही वजह रही कि विधानसभा चुनाव 2023 को ध्यान में रखते हुए संगठन को राजनीतिक दलों ने फूट डालकर कमजोर करने की कोशिश की। मगर जयस के युवाओं ने अपने सभी गुटों को एक करने की कोशिश की और बताते हैं कि धार के धामनोद में इस कड़ी में पहली बैठक हो चुकी है।
गोपनीय बैठक में कई नेता शामिल
जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन ने धामनोद में एक निजी रेस्टोरेंट में एक गोपनीय बैठक की। बैठक की चर्चा वहां से बाहर लीक नहीं होने के लिए जयस नेताओं ने मोबाइल तक प्रतिबंधित कर दिए थे। जो भी बैठक में शामिल हुआ उसका मोबाइल बैठकस्थल के बाहर जमा करा लिया गया था। इससे बैठक के वीडियो वायरल नहीं हो सके कि कौन नेता नाराज है या कौन किस नेता के बारे में क्या कह रहा है।

ये नेता हुए शामिलः
बैठक में कांग्रेस विधायक डॉ. हीरा अलावा, विक्रम आछलिया, डॉ अभय, महेंद्र कन्नौज, लोकेश मुझालदा, गौरव चौहान, शिवभानु मंडलोई, साहेबसिंह कलम, सीमा वास्केल, लालसिंह बर्मन, रविराज बघेल, लक्ष्मणसिंह डिंडोर, अंतिम मुजाल्दा, परमार जी, नितेश अलावा, चेतन इंद्रा पटेल, राहुल बामनिया, विजय चोपड़ा, ओमकार कटारा, राजू पटेल, संगीता चौहान, फाउंडर मेंबर जो जय आदिवासी युवा शक्ति जयस संगठन में जुड़े हैं मौजूद थे आगामी 16 मई को जय आदिवासी युवा शक्ति जयस संगठन के 10 वर्ष पूर्ण होने पर स्थापना दिवस पर एक भव्य कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई गई और कमेटी के सदस्य ने दोनों गुट को बिठाकर निकाला समाधान अंतिम मुझालदा, नितेश अलावा, विजय चोपड़ा, चेतन पटेल आदि लोग मौजूद रहे।
15 बिंदु पर चर्चा की गई

  1. जयस के वरिष्ठ संस्थापक सदस्यों के बीच मतभेद समाप्त कर एकजुट करना।
  2. जयस कार्यकर्त्ता, पदाधिकारियों द्वारा सोशल मिडिया वार पर तत्काल रोक लगाना औऱ भविष्य मे ऐसी कोई अनुशासनहीनता न करेंगे न करने देंगे जिससे जयस या किसी भी सामाजिक साथी कार्यकर्त्ता की छवि धूमिल हो।
  3. जयस नाम की जितनी FB ID है सबको वेरीफाई करना, नाम के आगे पीछे जयस लिखें कार्यकर्त्ताओ की पहचान कर उन्हें अनुशासन सिखाना न की एक दूसरे के ऊपर टिका टिप्पणी करना। यदि कोई इस प्रकार का कृत्य करता है तो जयस अनुशासन कमिटी वो किसका फॉलोवर है देखकर उससे बात कर समझाईश देगी न मानने पर सबंधित पदाधिकारी को पद मुक्त किया जा सकता है।
  4. जयस के नाम पर या jays पदाधिकारी यदि चुनाव लड़ते है तो 2 माह पहले स्पष्ट कर पद से सार्वजनिक स्तीफा देंगे,औऱ फिर जहाँ जाना जाकर राजनीती करेंगे। इस दौरान वो जयस झंडे गमछा का उपयोग कतई नहीं करेंगे न ऐसा प्रचार करेंगे इस सबंध मे निर्णय अनुशासन कमिटी द्वारा लिए जायेंगे औऱ उस चुनावी केंडिडेट की क्या मदद करना या न करना सबंधी निर्णय अप्रत्यक्ष लेकर समाज के सामने सार्वजनिक प्रस्तुत करवाएंगे।
  5. जयस पदाधिकारी निष्पक्ष गैर राजनीतीक ही होंगे जो सर्व जाती, धर्म का सविंधान की प्रस्तावना अनुसार सम्मान करेंगे।
  6. यदि कोई जयस नाम से या सबंध रखने वाला व्यक्ति किसी भी जाती धर्म पर टिका टिप्पणी करता है तो वो उसके नीजी विचार ही माने जायेंगे जयस का इससे कोई सबंध नहीं माना जायेगा।
  7. जयस अप्रत्यक्ष पैनल द्वारा ही जयस कार्यक्रम, आंदोलन या सभी प्रकार के आयोजन की अंतिम मंजूरी देगी जिसके बाद उस क्षेत्र की कमिटी अथवा पदाधिकारी वहां आयोजन कर पाएंगे।
  8. जयस के नाम पर होने वाले प्रत्येक आयोजन सर्वप्रथम उस क्षेत्र के जमीनी कार्यकर्त्ता की सहमति से तय कर पदाधिकारियों द्वारा क्षेत्रीय, संभागीय अथवा प्रदेश स्तर के जिम्मेदार को अवगत करवाना होगा,उस कार्यक्रम मे कौन वक्ता होंगे, कैसे बैनर, फ्लैक्स होंगे, क्या सीमाएं होंगी ये सब अनुशासन कमिटी ही तय करेगी, जो पदाधिकारियों के माध्यम से उस कार्यक्रम की मुख्य बैठक मे पहुंचकर बताएंगे।
  9. जयस एक स्वतंत्र विचारधारा है इस बात का ध्यान रखते हुए जयस कार्यकर्त्ता हमेशा निष्पक्ष बने रहेंगे कभी किसी राजनीतीक दल के कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेगे न उनके मंच पर दिखेंगे न उनका फोटो,फ्लैक्स राजनीतीक दलों के आयोजन मे होना चाहिए।
    यदि ऐसा कोई पाया जाता है तो सबंधित क्षेत्रीय पदाधिकारियों द्वारा अनुशासन कमिटी को तत्काल मय सबूत बताया जायेगा उसके पश्चात उसे स्वतः ही संगठन से बाहर माना जाएगा।
  10. जयस मे चुनाव लड़ने वाले या लड़ चुके कार्यकर्त्ता है न की पदाधिकारी उनके नेतृत्व मे कोई भी आयोजन सफल नहीं हो सकता इसलिए चुनाव लड़ने या लड़ चुके कार्यकर्त्ता स्वतः ही jays से मुक्त माने जायेंगे हा वो कार्यक्रम का हिस्सा है आम कार्यकर्त्ता के रुपमे सदैव जुड़कर काम करेंगे लेकिन उनको सामाजिक सार्वजनिक नेतृत्व या मंच से परहेज करना होगा।
  11. जयस मे अनुशासन स्थापित करने के लिए सबसे पहले निचले स्तर पर काम करने वाला पहला कार्यकर्त्ता चाहे वो मीडिया प्रभारी हो या तहसील ब्लॉक या जिला अध्यक्ष, सचिव इस बात का विशेष ध्यान रखेंगे की सार्वजनिक व्हाट्सअप ग्रुप मे कौन जुड़ा है उसकी जानकारी अपडेट कर फ़िल्टर कर सिर्फ कोर कार्यकर्ता को रखने की कोशिश करेंगे औऱ ग्रुप मे हो रही अवानच्छीत, भड़काऊ, आरोप प्रत्यारोप वाली गतिविधियों पोस्ट पर तत्काल अपना रुख साफ कर अंतिम चेतावनी देंगे।
  12. कोई भी जयस कार्यकर्त्ता अथवा पदाधिकारी गुटबाजी को बढ़ावा नहीं देंगे निष्पक्ष एकरूपता के साथ मिलकर काम करेंगे।
  13. प्रत्येक ब्लॉक तहसील अथवा जिला स्तर पर एक एक कोर कमिटी ग्रुप बनाया जायेगा जिसमे सिर्फ मुख्य जमीनी कार्यकर्त्ता पदाधिकारी रहेंगे जो उस क्षेत्र मे होने वाले या बाहर के आयोजन धरना, प्रदर्शन अन्य सबंधी सूचनाओं को सर्वप्रथम शेयर कर चर्चा करेंगे उसके बाद ही अन्य ग्रुप मे frwd करेंगे।
  14. जयस कार्यकर्त्ता अथवा पदाधिकारी कोई भी भड़काऊ video, टिका टिप्पणी सबंधी पोस्ट को बिना पुख्ता जानकारी के शेयर नहीं करेंगे।
  15. जयस के नीचले ग्राम, ब्लॉक, तहसील, जिला स्तर से प्रदेश राष्ट्रीय स्तर तक जयस के जिम्मेदार प्रवक्ता या मीडिया प्रभारी ही जिम्मेदारी पूर्वक मीडिया या अन्य समक्ष सार्वजनिक बात रखेंगे

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