जगदगुरू रामभद्राचार्य ने कहा जो ब्राह्मण पढ़ता नहीं वह तेली-कुम्हार-कोल जैसा

भोपाल में श्रीराम कथा सुना रहे जगदगुरू रामभद्राचार्य ने भोपाल का नाम भोजपाल कराने का संकल्प लेने के बाद अब रामचरित मानस को राष्ट्र ग्रंथ घोषित कराने का प्रण लिया है। उन्होंने अपनी कथा में कहा है कि वे संसद के दोनों सदनों में रामचरित मानस को राष्ट्र ग्रंथ घोषित कराकर रहेंगे। रामभद्राचार्यजी ने यह भी कहा जो ब्राह्मण पढ़ता नहीं वह तेली-कुम्हार-कोल जैसा।

बागेश्वर धाम सरकार के धीरेंद्र शास्त्री के गुरू जगदगुरू रामभद्राचार्य ने यह संकल्प भोपाल में अपनी कथा के दूसरे दिन लिया है। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरनंद का नाम लिए बिना रामभद्राचार्य ने उन पर तंज कसा कि कुछ लोगों को धीरेंद्र शास्त्री की लोकप्रियता पच नहीं रही है, इसलिए वे उनसे जोशीमठ की दरारें भरने की बात कह रहे हैं। धीरेंद्र शास्त्री हनुमान भक्त हैं और उनको मिले आशीर्वाद से वे जनता के काम कर रहे हैं।
पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए भविष्य़वाणी की, अगले चुनाव में नेता नहीं रहेगा
पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरित मानस को बैन करने के बयान पर बवाल मचा। जगदगुरू रामभद्राचार्य मौर्य पर बरसे और उनके लिए भविष्यवाणी की कि वह अगले चुनाव में नेता नहीं रहेगी। रामचरित मानस पर बैन नहीं लगेगा लेकिन उस पर जरूर बैन लगेगा।
निरक्षर ब्राह्मण तेली-कुम्हार व कोल जैसा
उन्होंने वर्ण व्यवस्था को लेकर टिप्पणी की कि जो ब्राह्मण पढ़ता नहीं है वह तेली, कुम्हार, कोल, कलवार की तरह हो जाता है। ब्राह्मण नहीं पढ़ेगा तो निरक्षर होकर तेल बेचेगा, लोलुप होकर घड़ा बनाएगा और वेदरहित होने पर अधम होगा व आचरणहीन होगा। यानि वह तेली, कुम्हार, कोल, कलवार जैसा ही होगा।

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