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जंगल में तीर-गोफन के आगे वन अमला असहाय, पुलिस-प्रशासन की मदद नाकाफी, देखिये वीडियो में तीर के जख्म

बुरहानपुर के जंगल में गोफन-तीरकमान जैसे पारंपरिक हथियारों से लैस अतिक्रमणकारियों से वन विभाग चंद पुलिस वालों से लड़ रहे हैं। अतिक्रमणकारियों के तीर से जख्मी वनकर्मी खून से लथपथ असहाय दिखाई दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि वन विभाग को अतिक्रमणकारियों से निपटने में पर्याप्त पुलिसबल तो मिल नहीं रहा साथ ही प्रशासन भी गोली चलाने जैसे आदेश देने से पीछे हट रहा है। अतिक्रमणकारियों के हमले से वन अमले की कैसी हालत हो रही है आपको वीडियो से हम उसकी एक झलक दिखा रहे हैं।
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिले बुरहानपुर में वन विभाग जंगल में पारंपरिक हथियारों से लैस अतिक्रमणकारियों से निपटने में अब बिलकुल असहाय नजर आ रहा है। अतिक्रमणकारियों के हौंसले बुलंद हैं और वे जंगल में पेड़ों की कटाई करने में जुटे हैं। अब तो ये लोग गोफन-तीरकमान लेकर वन विभाग के अमले पर जानलेवा हमला करने लगे हैं क्योंकि उन्हें वन विभाग की ताकत का अहसास हो गया।
वीडियो में तीर से जख्मी अमला दिखा
बताया जाता है कि बुरहानपुर के घाघराला के जंगलों में हाल ही में अतिक्रमणकारियों के हमले के वीडियो वायरल हुए हैं जिसमें जख्मी वन कर्मचारियों की तस्वीरें सामने आई हैं। यह वीडियो दो दिन पहले 10 मार्च के अतिक्रमणकारियों के हमले का है। लगभग 300 अतिक्रमणकारियों ने अंधाधुंध पेड़ों की कटाई शुरू कर दी। अतिक्रमणकारियों को भगाने जब उनसे कम संख्या में वन कर्मियों की टोली पहुंची तो उन पर गोफान और तीरकमान से हमला कर दिया। दर्जनभर से अधिक वनकर्मी घायल हो गए जिन्हें अस्पताल में उपचार के लिए भेजा गया। अतिक्रमणकारियों का मुकाबला करने के लिए डीएफओ अनुपम शर्मा ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से आग्रह किया किंतु वे मौके पर कोई नहीं पहुंचे। बुरहानपुर कलेक्टर ने तो डीएफओ के अश्रु गोले दागने और फायरिंग के आदेश देने के लिए कार्यपालिक मजिस्ट्रेट भेजने के आग्रह को भी नजरअंदाज कर दिया।
14 पुलिसकर्मियों को मदद के लिए दिया
जिस दस मार्च को अतिक्रमणकारियों ने गोफन-तीरकमान से हमला किया, उसके पूर्व वन विभाग को पुलिस ने मदद के लिए 14 पुलिसकर्मी दिए थे। जानकारी के मुताबिक नौ मार्च की रात को डीएफओ को सूचना मिली थी कि गोफन और तीरकमान से लैस संगठित अतिक्रमणकारियों का दल घाघराला के जंगलों में अतिक्रमण करने जा रहा है। डीएफओ ने अगले दिन 10 मार्च को एसपी बुरहानपुर से फोन पर वन अमले को मदद के लिए पुलिस बल को अश्रुगोले के साथ भेजने का आग्रह किया। इस पर पुलिस ने उन्हें 14 पुलिसकर्मी मदद के लिए दिए। मगर कलेक्टर से अतिक्रमणकारियों के आतंक को देखते हुए हवाई फायरिंग की आदेश के लिए कार्यपालिक मजिस्ट्रेट साथ में देने का आग्रह किया तो उन्होंने अधिकारी उपलब्ध नहीं कराया। अतिक्रमणकारियों के हिंसक रवैये और उन्हें मिल राजनीतिक संरक्षण के जंगल में उनके कब्जे व वनों की कटाई की गतिविधियों को नियंत्रित करने में प्रशासन-पुलिस के रवैये से वन विभाग का अमला पिटने को मजबूर है।
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