मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर जंगलों को काटकर उस जमीन पर कब्जे करने वाले अतिक्रमणकारियों के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से दबाव बना रहे डीएफओ अनुपम शर्मा को आज रात हटा दिया गया. अनुपम शर्मा की जगह नीमच के विजय सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह बुरहानपुर के जंगलों को कटने से बचाएं और अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई करें.
भारतीय वन सेवा के 2018 बैच के युवा अधिकारी अनुपम शर्मा आखिरकार बुरहानपुर से हटा दिए गए हैं. वहां बुरहानपुर के जंगलों को काटकर अतिक्रमणकारियों द्वारा किए जा रहे कब्जे को लेकर प्रशासन और पुलिस अधिकारियों के सहयोग से दबाव बना रहे थे मगर उनका यह दबाव अतिक्रमणकारियों के आगे गलत साबित हुआ. अतिक्रमणकारियों को लेकर पहले से ही आरोप लगाए जा रहे थे कि उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है और इस संबंध में निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने भी खुलकर इसी तरह के आरोप लगाए थे. नेपानगर के स्थानीय नागरिकों ने थी कलेक्टर एसपी के सामने यह कहा था कि वह अतिक्रमणकारियों के आतंक के आगे क्यों घुटने टेक रहे हैं.
कलेक्टर व एसपी को लिखे गए पत्र तो नहीं तबादले का आदेश
शुरुआत में वन विभाग के अधिकारियों को पुलिस और प्रशासन का सहयोग नहीं मिल रहा था जिसको लेकर वन विभाग ने अपनों से भी टक्कर ली और बाद में संयुक्त रूप से कार्रवाई शुरू हो सकी थी. इसके पहले कलेक्टर और एसपी को डीएफओ ने कड़क भाषा में पत्र लिखा था जिसमें अतिक्रमणकारियों पर सख्त कार्रवाई के लिए मदद मांगी थी. हाल ही में डीएफओ ने अतिक्रमणकारियों के कब्जे से करोड़ों रुपए की लकड़ी और जमीन को मुक्त कराया था.
नीमच डीएफओ को बुरहानपुर की जिम्मेदारी
भारतीय वन सेवा की 2011 बैच के नीमच डीएफओ विजय सिंह को बुरहानपुर डीएफओ की जिम्मेदारी दी गई है. अनुपम शर्मा को बुरहानपुर से हटाकर पीसीसीएफ कार्यालय में पदस्थ किया गया है. अभी नीमच दिए हो कौन होगा इसका आदेश जारी नहीं किया गया है.
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