मध्य प्रदेश से अलग हुए छत्तीसगढ़ के जंगल में एक अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक की प्रभारी वन बल प्रमुख के पद पर पदस्थापना से छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के आईएफएस अफसरों के आंखों की नींद उड़ गई है। दोनों राज्यों के जंगल महकमे के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि वन बल प्रमुख के सेवानिवृत्त होने पर किसी एपीसीसीएफ को विभाग के मुखिया का प्रभार दिया गया हो। छत्तीसगढ़ में 7 सीनियर पीसीसीएफ स्तर के अफसरों को सुपरशीट करते हुए एपीसीसीएफ श्रीनिवास राव को वन बल प्रमुख की कुर्सी पर बैठा दिया गया है। छत्तीसगढ़ में हुई पदस्थापना को लेकर मध्यप्रदेश में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है कि क्या यहां भी वन बल प्रमुख की पदस्थापना में बदलाव हो सकता है?
अंतरराष्ट्रीय मेले उत्सव के समय यह सवाल वरिष्ठ अफसरों की जुबां पर था कि कहीं पुष्कर सिंह को वन बल प्रमुख तो नहीं बना दिए जाएंगे। पुष्कर सिंह की छवि रिजल्ट ओरिएंटेड अफसर के रूप में बन गई है. मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव तक उनकी कार्यशैली से संतुष्ट हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि आदिवासी वोटों को प्रभावित करने का माद्दा भी लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक पुष्कर सिंह के पास निहित है। वैसे राज्य सरकार वोटों की राजनीति में कुछ भी उलटफेर कर सकती है।
छत्तीसगढ़ में कैसे बने एपीसीसीएफ विभाग प्रमुख
आखिरकार वी.श्रीनिवास राव सात अफसरों को सुपरशीट कर छत्तीसगढ़ के वन बल प्रमुख बन गए। अभी तो वे प्रभारी बने हैं। कुछ महीने बाद स्थायी हो जाएंगे। श्रीनिवास राव को वन विभाग का मुखिया बनाने की चर्चा तो राकेश चतुर्वेदी के रिटायरमेंट के बाद शुरू हो गई थी। श्रीनिवास राव को वन विभाग की कमान सौपने के लिए फाइल भी चल पड़ी थी, लेकिन एक रिटायर आईएएस अफसर के वीटो के कारण संजय शुक्ला वन बल की पारी खेल पाए। इस बार श्रीनिवास राव ने किसी का दांवपेंच नहीं चलने दिया। 1990 बैच के आईएफएस श्रीनिवास राव अभी एडिशनल पीसीसीएफ हैं। पीसीसीएफ बने भी नहीं हैं और छत्तीसगढ़ वन विभाग के मुखिया बन गए और पीसीसीएफ बने छह लोग ताकते ही रह गए। सरकार ने पीसीसीएफ अतुल शुक्ला, सुधीर अग्रवाल,आशीष कुमार भट्ट, तपेश झा, संजय ओझा,अनिल राय और एडिशनल पीसीसीएफ अनिल साहू की वरिष्ठता को नजरअंदाज कर श्रीनिवास राव को छत्तीसगढ़ के वन विभाग के मुखिया की कमान सौंप दी।
कहा जा रहा है कि कांग्रेस के एक ताकतवर राष्ट्रीय महासचिव की तगड़ी सिफारिश के कारण सरकार को श्रीनिवास राव को वन विभाग का मुखिया बनाना पड़ा। कहते हैं श्रीनिवास राव सर्वगुण संपन्न हैं , इस कारण सरकार ने चुनावी साल में उन पर दांव लगाया है। वैसे श्रीनिवास राव 2018 से वन विभाग के मलाईदार माने जाने वाले विंग कैम्पा के इंचार्ज हैं। श्रीनिवास राव के वन विभाग के मुखिया बनने के बाद कैम्पा का प्रभारी कौन बनेगा, इसकी भी चर्चा बड़ी जोरों पर है। कहते हैं अभी कैम्पा सरकार के लिए कमाऊ पूत जैसा है। चर्चा है कि पीसीसीएफ तपेश झा को वन्यप्राणी की जिम्मेदारी दे दी जाएगी। वन्यप्राणी संभाल रहे सुधीर अग्रवाल अपना पुराना काम कार्ययोजना ही देखते रहेंगे। एडिशनल पीसीसीएफ अरुण पांडे का कद बढ़ाए जाने की खबर है। श्रीनिवास राव अब अपनी टीम बनाएंगे।
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