चौहान ने मुरैना जिले के बाढ़ राहत कैम्प में प्रभावितों से की चर्चा

मुरैना, भिण्ड और श्योपुर के लगभग 100 गाँव बाढ़ से प्रभावित हैं। एसीएस एसएन मिश्रा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चंबल, सिंध और पार्वती नदी के जलस्तर और राजघाट, गांधी सागर और कोटा बैराज की जानकारी दी. विगत कुछ वर्षों में क्षेत्रीय नदियों के जलस्तर का असेसमेंट की जानकारी दी. एसीएस राजौरा ने तीनो जिलों में एनडीआरएफ एसडीआरएफ की जानकारी मुख्यमंत्री को दी.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीनो जिलों को निर्देश कि शिविरों में पर्याप्त व्यवस्थाएं रखे. साइंटिफिक असेसमेंट रखे, जलस्तर बढ़ने पर किन गांवो में खतरा हो सकता है वहां अलर्ट रखे. बोट, हेलीकाप्टर की व्यवस्था बना कर रखे. भोजन, राशन, पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था रखे. जनता को कोई तकलीफ न हो इसके लिए तत्पर रहे. प्रो एक्टिव होकर काम करे. प्रशासन और जनप्रतिनिधि मिल कर जनता को संकट से पार करे.

मुख्यमंत्री कहा है कि प्रभावितों की हर संभव मदद के लिये प्रदेश सरकार उनके साथ खड़ी है। संकट है, मुश्किल है और परेशानियाँ भी हैं, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार उनको हर संभव मदद करेगी। प्रभावित लोगों को राहत कैम्पों में लाकर उनकी सभी व्यवस्थाएँ की जा रही हैं। सभी प्रभावित क्षेत्रों में सर्वेक्षण कराकर जो भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई मध्यप्रदेश सरकार करेगी।

मुख्यमंत्री चौहान बुधवार की देर शाम हैलीकॉप्टर से मुरैना पहुँचे और मुरैना जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर अम्बाह तहसील के समीप ग्राम कुथियाना पहुँचे और राहत कैम्पों में रह रहे लोगों से आत्मीय संवाद किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राहत कैम्पों में रह रहे लोगों को आश्वस्त किया कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। पूरी सरकार और मैं स्वयं भी आपके साथ संकट की घड़ी में खड़ा हूँ। आपको हुए हर नुकसान की भरपाई की जायेगी। इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं उद्यानिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोगों से संवाद स्थापित करते हुए कहा कि प्रभावितों की मदद के लिये स्थायी और अस्थायी रूप से कार्य किए जायेंगे। शीघ्र ही जिला प्रशासन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण करेगा। उन्होंने यह भी निर्देश अधिकारियों को दिए कि सर्वेक्षण का कार्य पूरी संवेदनशीलता और पारदर्शिता के साथ किया जाए। सर्वेक्षण में न केवल मकान बल्कि पशु, खाद्य सामग्री एवं फसल का भी सर्वेक्षण कराया जाए। सर्वेक्षण के आधार पर जो भी नुकसान हुआ होगा वह प्रभावितों को मध्यप्रदेश सरकार प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ने लोगों से यह भी आह्वान किया कि जिन गाँवों में हर वर्ष या बार-बार बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है, उन गाँव के निवासियों की सहमति के आधार पर उन्हें ऊँचें स्थान पर बसाने का कार्य भी किया जायेगा। ऐसे स्थानों पर लोगों को आवास निर्माण करने की मदद भी प्रदान की जायेगी। इसके साथ ही बिजली, पानी और मूलभूत सुविधायें भी सरकार मुहैया करायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर से भी चर्चा हुई है, वे स्वयं भी आपके मध्य पहुँचेंगे। केन्द्र सरकार और प्रदेश सरकार आपकी मदद में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मुरैना जिले के प्रभारी मंत्री श्री कुशवाह से भी कहा कि वे ऐसे बाढ़ प्रभावित गाँव जहां बार-बार बाढ़ का पानी भर जाता है, उन्हें ऊँचाई वाले स्थान पर बसाने के लिये आम सहमति से बसाने की कार्रवाई प्रशासन से करवाएँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रभावितों से कहा कि बाढ़ का पानी जब तक नहीं उतर जाता है तब तक राहत कैम्पों में ही रहें।
इस मौके पर स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

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