छह महीने बाद छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनेगी और चुनावी वर्ष में कांग्रेस ने वहां मुख्यमंत्री पद की साढ़े चार साल से आस लगाए बैठे टीएस सिंहदेव को पार्टी हाईकमान ने डिप्टी सीएम की कुर्सी सौंपी है। पार्टी के इस फैसले से छत्तीसगढ़ में आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को खेमेबाजी से कितना छुटकारा मिलेगा, यह समय बताएगा।
कांग्रेस में विधानसभा चुनाव 2018 के समय राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में दो-दो या इससे भी ज्यादा दावेदार थे जिससे मध्य प्रदेश में सवा साल में ही सरकार चली गई। मगर राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सरकारें अपने पांच साल की अवधि को किसी तरह पूरी करने के करीब पहुंच गई हैं लेकिन अब पार्टी को विधानसभा चुाव 2023 में खेमेबाजी से नुकसान होता दिखाई दे रहा है।
दिल्ली में छत्तीसगढ़ कांग्रेस की बैठक में फार्मूला
विधानसभा चुनाव 2023 के मद्देनजर छत्तीसगढ़ को लेकर दिल्ली में पार्टी ने बैठक बुलाई जिसमें छग कांग्रेस के नेताओं के साथ चर्चा हुई। इसमें फैसला हुआ है कि मुख्यमंत्री तो नहीं लेकिन उप मुख्यमंत्री पद पर टीएस सिंहदेव को बैठा दिया जाए। पार्टी हाईकमान के इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व टीएस सिंहदेव की संयुक्त फोटो जारी की गई। अब देखना यह है कि यह फार्मूला राजस्थान में भी लागू किया जाएगा या वहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अकेले ही विधानसभा चुनाव 2023 में मुखिया के रूप में उतरेंगे। ऐसे में सचिन पायलट अपनी भूमिका खुद तय करने की जिद्द करने में कोई बड़ा फैसला लेंगे।
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